वक्त में आया बदलाव नई चाहतों ने सबका बदल दिया स्वभाव

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, ईस्ट ऑर वेस्ट, इंडिया इज द बेस्ट!  कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे ढूंढने के लिए हमें यूरोप-अमेरिका जाना पड़े. आप अमेरिका के वालमार्ट में जो टीशर्ट खरीदेंगे, उस पर लेबल मेड इन इंडिया का ही लगा रहता है.’’ हमने कहा, ‘‘यह सब ग्लोबलाइजेशन या भूमंडलीकरण की वजह से है. जब तक नेहरू-इंदिरा युग की समाजवादी अर्थव्यवस्था थी, तब तक आपको गिनी-चुनी चीजें मिलती थीं. आपकी चॉइस लिमिटेड थी. तब फिएट या एम्बेसडर में से कोई एक गाड़ी खरीद सकते थे जबकि आज अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया की गाड़ियां विभिन्न मॉडल्स में उपलब्ध हैं. तब बजाज के स्कूटर की बुकिंग के बाद कम से कम 2 साल इंतजार करना पड़ता था. किसी पहुंच रखने वाले को कोटे में जल्दी से स्कूटर मिल जाए तो वह उसे डबल कीमत पर बेच देता था. फोन कनेक्शन भी मुश्किल से मिलता था. जिसके घर लैंडलाइन फोन लग जाए, वह फूला नहीं समाता था.

    ट्रंक कॉल के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था. इसके बाद पीसीओ आए और फिर गायब भी हो गए. तब नहाने के साबुन भी सिर्फ 4-5 ब्रांड के हुआ करते थे. सड़कों पर साइकिलें थीं और बड़ी तादाद में लोग पैदल चलते थे या साइकिल रिक्शे का इस्तेमाल करते थे. घरों में रेडियो रहा करता था जिस पर लोग कपड़े का कवर भी लगाते थे. ट्रांजिस्टर रखना शौक की बात थी. कितने ही प्रोफेसरों का वेतन 1000 रुपए से नीचे था. कालेजों में महीने की फीस भी 15-20 रुपए रहा करती थी.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आप किस गए-गुजरे जमाने की बात कर रहे हैं! आज की पीढ़ी इस पर भरोसा नहीं कर सकती. ऐसे युग में लोग कैसे जीते होंगे? आज तो स्मार्टफोन, इंटरनेट, कंम्प्यूटर के बिना जिंदगी ही नहीं है. वीडियो कॉल लगाकर दुनिया के किसी भी कोने में बात कर लो. पहले सिर्फ नेता, बहुत पैसेवाले या उच्च सरकारी अधिकारी एयर ट्रैवल करते थे, आज कोई भी हवाई यात्रा करता है. पहले फॉरेन रिटर्न होना अजूबे या सम्मान की बात थी, अब तो विदेश आना-जाना घर-आंगन जैसा हो गया. मुंबई से फ्लाइट पकड़ी और 15 घंटे में न्यूयार्क जा पहुंचे.’’ हमने कहा, ‘‘1983 में ब्लैक एंड व्हाइट टीवी आया. कलर और एचडी टीवी आने में बहुत टाइम लगा. पहले सिर्फ दूरदर्शन चैनल था, आज सैकड़ों चैनल हैं और टीवी-मोबाइल पर 24 घंटे खबरें मिलती हैं. ऐसा मानकर चलिए कि समय में आया बदलाव, नई चाहतों ने बदला सभी का स्वभाव.’’