मध्यप्रदेश में गाय टैक्स!

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मध्यप्रदेश की शिवराजसिंह चौहान (Shivraj singh chauhan) सरकार की प्राथमिकता गोमाता है. ऐसी श्रद्धा व असीम लगाव का परिचय देश की किसी अन्य राज्य सरकार ने नहीं दिया. काऊ कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने नए उपकर (सेस) की घोषणा की. सरकार के गृह, राजस्व, पशुपालन, कृषि, पंचायत तथा वन जैसे 6 विभाग गाय की देखभाल में लगेंगे. दूध न देने वाली बूढ़ी व अशक्त गायों (Cow)के लिए अभयारण्य रहेगा. यह आस्था अपनी जगह है परंतु मध्यप्रदेश के विकास के लिए कितने ही अन्य काम प्राथमिकता के आधार पर किए जाने की जरूरत है. देश में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh government) ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक बाल मृत्यु दर है.

प्रसव के दौरान माताओं की मृत्यु के मामले में राज्य देश में तीसरे क्रमांक पर है. स्वास्थ्य के मोर्चे पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है. मध्यप्रदेश की केवल 2.57 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर है जबकि दिल्ली की 87.5 प्रतिशत, केरल की 72.4 प्रतिशत तथा गुजरात व महाराष्ट्र की 56 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर है. प्रति 1,00,000 आबादी पर 28 कालेजों का राष्ट्रीय औसत है जबकि मध्यप्रदेश में यह औसत सिर्फ 24 ही है. इसतरह शिक्षा व स्वास्थ्य के मामले में प्रदेश में काफी पिछड़ापन है. स्थानीयों के लिए रोजगार आरक्षण करने से राज्य में निवेश कैसे आएगा? क्या सरकार को व्यवहारिक स्तर पर अपनी प्राथमिकताएं तय नहीं करनी चाहिए? गौमाता की सेवा अच्छी बात है परंतु इंसानों के प्रति भी तो सरकार का कर्तव्य है.