जनता के लिए पटाखे बंदी, LG को पटाखे लगाते रहेंगे केजरीवाल

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, दिल्ली में इस वर्ष भी दिवाली पर पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लागू रहेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से यह रोक लगाई है क्योंकि ठंड के मौसम में देश की राजधानी की स्थिति पहले ही कोहरे की वजह से बहुत बिगड़ जाती है. कोहरे की वजह से पटाखों का धुआं ऊपर उठ नहीं पाता. गत वर्ष पटाखों पर बैन लगाने का निर्णय देर से लिया गया था, जिस कारण व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसलिए मुख्यमंत्री ने अभी से व्यापारियों को हिदायत दे दी है कि पटाखों का भंडारण न करें.’’

    हमने कहा, ‘‘केजरीवाल ने जनता के लिए पटाखे बंदी कर दी है लेकिन वे खुद अपनी आदत के मुताबिक एलजी को पटाखे लगाते रहेंगे. पहले उनकी तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग से खटपट चलती थी. मुख्यमंत्री के रूप में अधिकार जताते हुए वे एलजी से भिड़ते थे और कभी रेल भवन के सामने, तो कभी एलजी के बंगले में जाकर धरना देते थे. नजीब जंग के बाद अनिल बैजल को एलजी बनाया गया. उनको भी केजरीवाल पटाखे लगाते रहे.

    आखिर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में एलजी ही सरकार का मुखिया है. वहां के मुख्यमंत्री को अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समान व्यापक अधिकार नहीं हैं.” पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, केजरीवाल विवश होने वाले नेताओं में से नहीं हैं. वे विभिन्न योजनाओं और घोषणाओं के जरिए अपना पॉवर जताना चाहते हैं. इसमें वे किसी की सहमति नहीं लेते. उन्होंने बिजली बिल आधा करने, मोहल्ला क्लीनिक खोलने, जलापूर्ति बढ़ाने का निर्णय लिया. केजरीवाल ने तो घर पहुंच राशन देने की भी योजना घोषित की थी लेकिन उसको स्वीकृति नहीं मिल पाई. केजरीवाल पंजाब और यूपी के विधानसभा चुनाव में भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. इस तरह वे अन्य पार्टियों और बीजेपी को भी पटाखे लगाने जा रहे हैं.’’