BJD will contest elections alone, Naveen bluntly told Nitish Kumar

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यह जानते हुए भी कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की विपक्षी एकता मुहिम में कोई दिलचस्पी नहीं है, बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस संबंध में उनसे जाकर मिले. पटनायक ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी. उसकी भूमिका तटस्थ बनी रहेगी नवीन पटनायक पहले के समान अब भी बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की अपनी नीति पर आगे बढ़़ेंगे. ओडिशा के पीएम जानते हैं कि तटस्थ बने रहने में ही उनका व राज्य का हित है. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी से टकराव मोल लेने की उनकी कभी भी इच्छा नहीं रही. इसी तरह केंद्र सरकार और बीजेपी नेता भी उन्हें कभी नहीं छेड़ते. ओडिशा बीजद का गढ़ है जहां किसी अन्य पार्टी की दाल नहीं गलती. पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों की एकता मुहिम में शामिल नहीं है तथा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले ही उतरेगी. कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नीतीश कुमार से हुई मुलाकात के बाद पटनायक दिल्ली में कई विपक्षी नेताओं से मिलने की तैयारी में हैं लेकिन पटनायक के अकेले लड़ने के संकेत के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे बीच कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. पटनायक ने भी गठबंधन को लेकर किसी प्रकार की चर्चा नहीं होने की पुष्टि की. बीजू जनता दल की स्थापना नवीन पटनायक ने 26 दिसंबर 1997 को की थी. जनता दल से टूटकर बने इस दल का नाम नवीन ने अपने पिता विजयानंद पटनायक (बीजू) के नाम पर रखा. बीजद का जनाधार ओडिशा तक सीमित है और इसकी पहचान क्षेत्रीय दल के रूप में ही है. उसकी अन्य राज्यों में विस्तार की कोई इच्छा नहीं है. नवीन पटनायक वर्तमान में ओडिश के मुख्यमंत्री हैं. नवीन के पिता बीजू भी राज्य के मुख्यमंत्री थे. एनडीए का हिस्सा रही बीजद ने 1998 में 9 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की, इसके बाद नवीन पटनायक को अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में खनन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. 1999 में बीजद को 10 सीटें मिलीं, जबकि 2004 के लोकसभा चुनाव में इस पार्टी ने 11 सीटों पर जीत हासिल की. वर्ष 2000 में राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर बीजद ने चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया. केंद्र सरकार से इस्तीफा देकर नवीन पटनायक राज्य के मुख्यमंत्री बने. नवीन वर्ष 2000 से लगातार राज्य के मुुख्यमंत्री बने हुए हैं. ओडिशा के कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की मौत के बाद भड़के दंगों के चलते गठबंधन में दरार आ गई. 2009 में बीजद ने लोकसभा चुनाव भाजपा से अलग होकर लड़ा और पार्टी ने तीसरे मोर्चे का दामन थाम लिया. 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजद ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. तब बीजद ने 21 में से 20 लोकसभा सीटें जीतीं, जबकि विधानसभा में 147 में से 117 सीटें जीतीं.