बदलो नहीं तो बदल दिए जाओगे, BJP सांसदों के आचरण पर मोदी की फटका

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि वे जितने सक्रिय, ऊर्जावान और  कर्मठ है्, उनकी पार्टी के सांसद भी वैसे ही रहें. वे उनसे चुस्ती और नियमितता की अपेक्षा रखते हैं. सांसदों को नसीहत देते समय उनका रुख सख्त भी हो जाता है. आराम तलबी या निष्क्रियता उन्हें बर्दाश्त नहीं है. सदन में हाजिरी को लेकर उन्हें बार-बार बीजेपी सांसदों को टोकना पड़ता है. कितने ही सांसद निर्वाचित होने के बाद 5 वर्ष के लिए निश्चित हो जाते हैं. 

    मन में आया तो सदन में पहुंचे अन्यथा नहीं! कुछ सांसद तो दिल्ली में रहते हुए भी नियमित रूप से संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं होते अथवा लॉबी या कैन्टीन में समय जाया करते हैं. खासतौर पर फिल्मी या खेल बैकग्राउंड वाले सांसद काफी अनियमित रहते हैं. न तो वे अपने चुनाव क्षेत्र में नजर आते हैं और न संसद के भीतर! लोकसभा और राज्यसभा की टीवी पर दिखाई जानेवाली कार्यवाही में सदस्यों की कितनी ही सीटें खाली नजर आती हैं. 

    यह सचमुच अखरने वाली बात है. केंद्र में बीजेपी की साढ़े 7 वर्ष से सरकार है. प्रतिवर्ष बजट, मानसून और शीत सत्र होते हैं. कभी विशेष सत्र भी बुलाया जाता है. प्रधानमंत्री को हर सत्र में सदन से अनुपस्थित सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए कहना पड़ता है. ऐसे में उनका नाराज होना स्वाभाविक है. संसद परिसर में हुई बैठक में मोदी ने बीजेपी सांसदों को फटकारते हुए कहा कि खुद को बदलो, नहीं तो बदल दिए जाओगे. परिवर्तन अपने आप हो जाएगा. 

    किसी शिक्षक की भांति क्लास लेते हुए उन्होंनें कहा कि अनुशासन में रहें, सदन में समय पर आएं और अपनी बारी आने पर ही बोलें. संसद की कार्यवाही और बैठकों में नियमित रहें. यह मेरे लिए अच्छा नहीं है कि मैं आपकी अनुशासनहीनता को लेकर परेशान रहूं और आपको बच्चों की तरह ट्रीट करूं. उन्होंने पार्टी सांसदों से आदतों में बदलाव लाने, सूर्य नमस्कार करने और संसद में अटेंडेंस प्रतियोगिता में भाग लेने को भी कहा. पीएम ने इतना कुछ तो कह दिया, अब देखना होगा कि पार्टी सांसद, उनके निर्देशों का कितना पालन करते हैं.