कोरोना के मामले बढ़े महाराष्ट्र, केरल में फिर प्रतिबंध?

    Loading

    महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई गिरावट की वजह से ऐसा लगने लगा था कि राज्य में काफी हद तक हालात काबू में आ गए हैं. अनलॉक से उम्मीद बंधी थी अब कोविड-प्रोटोकाल के साथ जनजीवन और कारोबार में सामान्य स्थिति लौटेगी. इन सारी आशाओं पर पानी फिरता नजर आता है क्योंकि अब कोरोना की तीसरी लहर के दस्तक देने की आशंका बढ़ चली है. विशेषज्ञों के अनुसार अक्टूबर में यह लहर चरम पर होगी. इस दौरान केरल जैसे छोटे राज्य में सिर्फ 5 दिनों में 1.5 लाख नए मामले सामने आए हैं.

    महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,831 नए मामले सामने आए. इन्हें मिलाकर राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 64,52,273 हो गई है. महाराष्ट्र में कोरोना से 126 और मरीजों की मौत होने के बाद मरनेवालों की कुल संख्या 1.37 लाख हो गई है. पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 24 घंटे में कोरोना के 888 नए केस दर्ज किए गए. तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण के 1,551 मामले सामने आए. सबसे ज्यादा संक्रमण कोयंबटूर में है जहां 230 मामले सामने आए. चेन्नई में 182, चेंगलपेट में 122 तथा इरोड में 115 केस सामने आए. कर्नाटक में भी कोरोना के 1,299 नए केस सामने आए हैं. इस तरह कोरोना फिर अपना घातक रूप दिखा रहा है. ऐसी हालत में महाराष्ट्र व केरल में फिर प्रतिबंध लग सकता है.

    कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र और केरल सरकार को रात्रिकालीन कफ्र्यू लगाने की सलाह दी है. हालात ऐसे हैं कि कई राज्यों में एक बार फिर बंदी का सिलसिला शुरू हो सकता है. अमेरिका के बाद विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले भारत में ही हैं. ऐसी स्थिति में स्कूल, कालेज खुलने व थियेटर, मल्टीप्लेक्स को अनुमति दिए जाने की कोई उम्मीद ही नजर नहीं आती. महाराष्ट्र सरकार अस्पतालों का बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए 5,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले सकती है ताकि ग्रामीण अस्पतालों में एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो सके.