Devaswom Board strict decision ban on Sangh activities in Kerala temples

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केरल में मंदिरों के माध्यम से आरएसएस अपनी शाखाओं का विस्तार करना चाहता है. उसका ऐसा करना स्वाभाविक भी है क्योंकि मंदिरों में जो आस्थावान हिंदू दर्शन या पूचा-अर्चना के लिए आते है उनसे मेलमिलाप कर उन्हें संघ के राष्ट्रवादी हिंदुत्व से जोड़ना काफी हद तक आसान होता है. संघ का संगठन कार्य इसी तरीके से आगे बढ़ता है. देश के विभिन्न क्षेत्रों के मंदिरों में अनुष्ठानों, पर्वो, उत्सवों के जरिए संघ के कार्यकर्ताओं ने अपनी सक्रियता बढ़ा रखी है. मंदिर के परिसर में या अगल-बगल संघ की गतिविधियां चलती हैं. केरल में वहां के मंदिरों का प्रबंधन देखनेवाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने राज्य के 1200 से ज्यादा मंदिरों में राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है. बोर्ड ने अपने अधीन आनेवाले सभी मंदिरों को सर्कुलर जारी किया है जिसमें उन्होंने मंदिर परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा और अन्य गतिविधियों के लिए परमिशन नहीं देने को कहा है. बोर्ड ने कहा कि आदेश का पालन नहीं करनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नए सिरे से आदेश इसलिए जारी किए गए क्योंकि बोर्ड को पता चला कि राज्य के कुछ मंदिरों में मई की शुरूआत में जारी किए गए परिपत्रक के बावजूद आरएसएस के इवेंट हो रहे थे. खास बात यह है कि देवस्वम ने मंदिरों को सिर्फ पूजा-अर्चना व धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित रखते हुए केवल आरएसएस ही नहीं बल्कि किसी भी संगठन या राजनीतिक दलों को मंदिर के परिसर का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है. स्पष्ट है कि केरल की वामपंथी सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. स्वयं राज्य के मंदिरों का मैनेजमेंट देखनेवाली बॉडी त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने यह फैसला लिया है. बोर्ड नहीं चाहता कि केरल के मंदिर राजनीति का अखाड़ा बनें. यह मानना भी सर्वथा गलत है कि सभी हिंदू आरएसएस से जुड़ना चाहते हैं. केरल की राजनीति में अनेक दशकों से आरएसएस और लेफ्ट के कार्यकर्ताओं में टकराव होता आया है. देवस्वम बोर्ड द्वारा संघ के इवेंट या गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्णय का केरल के विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि केरल के लगभग 90 प्रतिशत हिंदू संघ परिवार के खिलाफ हैं. इसलिए मंदिर परिसर में किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक बिल्कुल सही है. मंदिरों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों और शिक्षा संस्थाओं के माध्यम से आरएसएस अपने कार्य क्षेत्र व प्रभाव का विस्तार करता आया है.