शाम 5 के बाद थाने न जाएं, यूपी में महिलाएं अत्यंत असुरक्षित

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    यह चेतावनी न तो किसी सामान्य आदमी ने दी है, न ही विपक्षी पार्टी के किसी नेता ने, बल्कि बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और यूपी की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने स्पष्ट शब्दों में चेताया है कि शाम 5 बजे अंधेरा होने पर महिलाएं थाने न जाएं. इस कथन से स्पष्ट है कि उत्तरप्रदेश में महिलाएं अत्यंत असुरक्षित हैं. थाने में तैनात पुलिस वाले भी रक्षक की बजाय भक्षक बन सकते हैं. 

    क्या यह जंगल राज जैसी स्थिति नहीं है? इसी यूपी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट देने की बात कही है. यदि ऐसा हुआ भी तो क्या ये महिला प्रत्याशी चुनाव प्रचार करने बेधड़क बाहर निकल पाएंगी? बाहर बदमाशों का डर और थाने जाने में भी भय! यह कैसी विड़ंबना है! संसद में यूपी के वाराणसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. प्रदेश में शांति, सुव्यवस्था और विकास का श्रेय योगी सरकार को दिया जाता है. 

    इतने पर भी महिलाएं यदि महफूज नहीं हैं, तो जिम्मेदारी किसकी बनती है? निश्चित रूप से उत्तरप्रदेश बड़ा राज्य है जहां के देहातों में आज भी शाम के बाद जाने की लोग हिम्मत नहीं जुटा पाते. उठाईगीरों, बदमाशों और लुटेरों का डर बना रहता है. अन्य राज्यों के पुलिस कर्मी भी यूपी के देहात में जा छिपे किसी शातिर अपराधी को पकड़ कर लाना काफी बड़ी चुनौती मानते हैं. 

    वहां की पुलिस सहयोग नहीं देती और अपराधी का साथ देने भीड़ जमा हो जाती है. यद्यपि यूपी में सुचेता कृपलानी और मायावती जैसी महिलाएं मुख्यमंत्री रही हैं. इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और मेनका गांधी का चुनाव क्षेत्र भी यूपी रहा है लेकिन महिला सुरक्षा के मुद्दे पर आजादी के 75 वे वर्ष में प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. पूर्व राज्यपाल व बीजेपी की बड़ी नेता बेबीरानी मौर्य ने कहा कि यद्यपि थानों पर एक महिला अधिकारी और एक महिला सब इंस्पेक्टर बैठती हैं फिर भी शाम 5 बजे के बाद महिलाएं थाने न जाएं. यह नसीहत यूपी की ध्वस्त कानून-व्यवस्था का पर्दाफाश कर देती है.