
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस दावे में दम है कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए लोकप्रिय चेहरा कोई हो सकता है तो वो हैं प्रियंका गांधी. वर्तमान स्थिति का विवेचन करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम अपनी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों से दूर हो रहे हैं. राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए संस्कृति, सभ्यता और इतिहास की नई परिभाषा गढ़कर जनता को गुमराह किया जा रहा है.
आवश्यक हो गया है कि गांधीवादियों और देश को एकजुट रखने के इच्छुक लोगों को एकजुट होकर पूरी ताकत से 2024 के आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उठाना चाहिए. प्रमोद कृष्णम ने कहा कि 2024 का चुनाव मुद्दों का नहीं बल्कि चेहरे और व्यक्तित्व का चुनाव है. पीएम पद के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक सबसे लोकप्रिय चेहरा प्रियंका गांधी हैं. देश की जनता के सामने भी यह संदेश है कि प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के सामने यदि कोई लोकप्रिय नेता हो तो बीजेपी को शिकस्त दी जा सकती है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो 2004 में ही खुद पीएम बनना अस्वीकार कर डा. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री मनोनीत कर दियाथा. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द की जा चुकी है. मानहानि मामले में 2 वर्ष की सजा सुनाए जो से राहुल चनाव भी नहीं लड़ सकते. इसलिए स्वाभाविक रूप से कांग्रेस जनों की उम्मीदें अब प्रियंका गांधी पर लगी हैं. प्रियंका फिलहाल कांग्रेस की महासचिव हैं. लोग जानते हैं कि प्रियंका के चेहरे, व्यक्तित्व, बोलचाल व चालढाल में उनकी दादी इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व की झलक नजर आती है. वो बुद्धिमान और राजनीति में परिपक्व हैं.
प्रियंका इसके पहले भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चुनाव प्रचार में जोशीले अंदाज में सहयोग दिया था. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने काफी सक्रियता दिखाई थी तथा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारा देकर उन्होंने बड़ी तादाद में महिलाओं को कांग्रेस की उम्मीदवारी दी थी. राहुल गांधी लगातार बीजेपी नेताओं के निशाने पर रहे हैं जबकि प्रियंका के साथ ऐसी बात नहीं रही.
सोनिया का मुख्य फोकस राहुल को राजनीति में सक्रिय करने पर केंद्रित रहा लेकिन अब परिस्थितियां ऐसी हैं कि कांग्रेस को हर हालत में प्रियंका को आगे लाना होगा. विपक्ष भी विचार कर सकता है कि एक आकर्षक व्यक्तित्व की प्रभावशाली महिला नेता को पीएम पद के साझा प्रत्याशी के रूप में पेश करना बेहतर रहेगा. देश के सबसे बड़ी 25 करोड़ आबादीवाले राज्य उत्तरप्रदेश की राजनीति का प्रियंका को अनुभव है तथा वहां की महिलाओं के बीच उन्हें काफी लोकप्रियता प्राप्त है.