किसी ने कल्पना भी न की होगी कि छात्रों और उनके पालकों से ऐसी भी धोखाधड़ी हो सकती है कि जिसे वे सीबीएसई स्कूल समझ रहे हैं वह पूरी तरह फर्जी हैं. पुणे में ऐसी 3 स्कूलों का घोटाला बेनकाब हुआ है और अब तो यह आशंका भी व्यक्त की जा रही है कि पूरे राज्य में ऐसे कई बोगस स्कूल होंगे जो खुद को सीबीएसई से संबद्ध बताकर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे होंगे. ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो 12 लाख रुपए लेकर स्कूलों को सीबीएससी की सम्बद्धता हासिल करने के लिए राज्य सरकार का नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराता है.
यह सर्टिफिकेट पूरी तरह बनावटी होता है. नियम यह है कि स्टेट बोर्ड के अलावा राज्य में अन्य बार्डों की सम्बद्धता (एफिलिएशन) प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करना पड़ता है लेकिन शालेय शिक्षा विभाग द्वारा पाया गया कि पुणे में कुछ स्कूल शुरू किए गए थे जिन्हें कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया था. भिाग ने राज्य के शिक्षा उपसंचालक को पुणे की 3 स्कूलों की जांच पड़ताल करने और अज्ञात यक्तियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया.
इसके बाद पुणे संभागीय उपनिदेशक ने पुणे जिला परिषद को जांच करने का निर्देश दिया. इसके बाद पुणे जिप के एक्सटेंशन अधिकारी ने जांच की तो पाया गया कि कई स्कूलों के अनापत्ति प्रमाणपत्र फर्जी थे. इन प्रमाणपत्रों पर राज्य सरकार के प्रशासनिक मुख्यालय, मंत्रालय में उच्च पदस्थ अधिकारियों के नाम पर जाली दस्तखत किए गए थे. जिला परिषद ने 10 अन्य स्कूलों की भी जांच की है जिसकी रिपोर्ट शीघ्र ही सामने आएगी.
यह बहुत बड़ी जालसाजी है. इससे शिक्षा माफिया की करतूत सामने आती है. स्कूल संचालकों को यह गिरोह विश्वास दिलाता है कि उसकी ऊपर तक सेटिंग है आर 12 लाख रुपए मिलने पर स्कूल को राज्य सरकार का जो आब्जेक्शन सर्टिफकेट उपलब्ध करा दिया जाएगा. इसके जरिए स्कूल को सीबीएसई की मान्यता मिलना संभव हो जाएगा. इस गोरख धंधे में पालकों का नुकसान होता है जो स्कूल के सीबीएसई वाला मानकर अपने बच्चे का वहां दाखिला कराते है और मोटी फीस देते हैं. उन्हें पता ही नहीं रहता कि स्कूल फर्जी है.
जब उसके पास वैध मान्यता ही नहीं है तो वह बच्चों को सीबीएसई परीक्षा में बिठाएगा कैसे? राज्य सरकार की विधिवत अनुमति और मान्यता के बगैर यह संभव ही नहीं है. यह बहुत बड़ी ठगी है. इस तरह के फर्जी सीबीएसई स्कूलों और फर्जी दस्तावेज देनेवाले गिरोह पर अविलंब कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.