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बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद देश में शिवसेना की लहर थी.

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    जब तक पार्टियों के बीच सत्ता के लिए गठबंधन रहता है, तब तक किसी प्रकार की शिकायत नहीं होती लेकिन रिश्ते टूट जाने के बाद वे तीखे तेवर दिखाने लगती हैं. शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीजेपी पर बरस पड़े हैं. पार्टी संस्थापक और अपने पिता बाल ठाकरे की 96वीं जयंती पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में जो 25 वर्ष निकाले थे, वे बरबाद चले गए. बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद देश में शिवसेना की लहर थी.

    यदि तब ही सीमोल्लंघन किया होता तो प्रधानमंत्री का पद शिवसेना के पास होता. अब बाला साहब के दिल्ली पर काबिज होने के सपने को पूरा करने का वक्त आ गया है. उद्धव ने कहा कि शिवसेना ने सत्ता के माध्यम से हिंदुत्व के एजेंडे को आगे ले जाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था. शिवसेना ने सत्ता की खातिर कभी हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं किया. शिवसेना ने हिंदुत्व को नहीं, बल्कि बीजेपी को छोड़ दिया.

    शिवसेना मानती है कि बीजेपी का अवसरवादी हिंदुत्व सिर्फ सत्ता के लिए है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को उसकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए शिवसेना ने दिल खोलकर साथ दिया था. हमारे बीच समझ थी कि बीजेपी राष्ट्रीय स्तर पर आगे जाएगी और हम महाराष्ट्र में आगे रहेंगे. लेकिन बीजेपी ने हमें धोखा दिया. हमें हमारे घर में ही गिराने की कोशिश की गई, इसलिए हमने पलटवार किया. उद्धव ने आरोप लगाया कि एक राज्य में गोवध पर बैन और दूसरे राज्य में नहीं, इस तरह की दोहरी भूमिका बीजेपी अपनाती है. उसमें हिम्मत है तो देश भर में एक ही नीति पर चले.

    गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में आकर शिवसेना को चुनौती दी कि हिम्मत है तो अकेले लड़ो लेकिन चुनौती देने के बाद ईडी को पीछे लगा देने में बहादुरी नहीं है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि फिलहाल देश में वैसा ही माहौल है जैसा अंग्रेजों की गुलामी के समय था. इससे बाहर निकलने का बीड़ा शिवसेना कार्यकर्ताओं को उठाना होगा. उद्धव ठाकरे का आक्रोश अपनी जगह है लेकिन वे इस बात को भूल रहे हैं कि बीजेपी राष्ट्रीय स्तर की सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में महाराष्ट्र तक ही सीमित है.