अकेले कोहली क्या करते, भारतीय गेंदबाजों को धूल चटाकर पाकिस्तान जीता

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    भारत के क्रिकेट प्रेमियों को गहरी हताशा के साथ ही रोष भी उबल पड़ा जब पाकिस्तान ने पहली बार विश्वकम मैच में भारत को पूरे 10 विकेट से हराया. पाकिस्तानी बल्लेबाजों बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान के सामने हमारे गेंदबाज तमाशा बनकर रह गए. वुमराह, मो. शमी, जडेजा, चक्रवर्ती, भुवनेश्वर कुमार भी गेदों को बाबर और रिजवान पीटते चले गए.  इन गेंदबाजों की एक न चल पाई. रिजवान ने 55 गेंदो में 79 रन बनाए जबकि पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम भी 52 गेदों में 68 रन बनाकर नाट आउट रहा. 

    भारत ने शुरुआत में बल्लेबाजी कर 20 ओवर में 7 विकेट खोकर 151 रन बनाए. इनमें 57 रन कोहली के और 39 रन ऋषभपंत के थे. इन्हें छोड़कर बाकी बल्लेबाज विफल रहे. यह स्कोर नाकामी था और जब पाकिस्तान ने पहले ही ओवर में 10 रन ठोककर जोरदार शुरुआत की तो लगा कि यदि जल्दी विकेट न लिए तो पाक को रोकना नामुमकिन हो जाएगा. कोहली को दोष नहीं दिया जा सकता. जब के एल राऊत 3 और रोहित शर्मा 0 पर आउट हो गए और 3 विकेट पर 31 रन बने थे तब कोहली ने ही आकर पारी संभाली और उसका स्ट्राइक रेट 116 रहा. 

    पाकिस्तानी गेंदबाज शाहिद शाह अफरीदी ने रोहित शर्मा और राऊत के विकेट लेकर पाकिस्तान के हौसले बढ़ा दिए थे. सूर्यकुमार यादव का विकेट गिरने के बाद अगले 3 बल्लेबाज टिककर खेलने वालों में से नहीं थे. वे पावर हिटर थे जो जल्दी विकेट गंवा बैठे. कोहली के गेंदबाजों से लेकर फील्डरों तक वह आक्रामकता नहीं दिखाई दी जिसकी वजह में उन्हें दुनिया के सफलतम कप्तानों में गिना जाता है. 

    विश्व कप के बाद टी-20 की कप्तानी छोड़ने का मन बना चुके कोहली को पाकिस्तान के हाथों मिली इतनी जबरदस्त हर वर्षों तक टीस पहुंचाती रहेगी. कुल मिलाकर इस मुकाबले में बल्लेबाजों का ढीला प्रदर्शन, गेंदबाजों की नाकामी सामने आई. 29 वर्षों से भारत से हारने वाला पाकिस्तान इस मैच में बिना कोई विकेट खोए शान से जीत गया.