शिवसेना को चुनौती देनेवाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे बीजेपी के चक्कर में बुरे फंसे. उन्होंने अपना अयोध्या दौरा बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरणसिंह के तीव्र विरोध और धमकी के बाद रद्द कर दिया. ब्रजभूषण ने कहा था कि राज ठाकरे पहले उत्तर भारतीयों से किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगें अन्यथा उन्हें अयोध्या में कदम रखने नहीं दिया जाएगा. कुछ वर्ष पूर्व मनसे के लोगों ने महाराष्ट्र में परप्रांतीय कहकर उत्तर भारतीयों की पिटाई की थी. इसी से ब्रजभूषण नाराज हैं. बीजेपी भी अपने इस सांसद को कंट्रोल नहीं कर सकी या फिर वह करना नहीं चाहती थी.
महाराष्ट्र में बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाड़ी सरकार के खिलाफ राज ठाकरे को इस्तेमाल किया था. बीजेपी के समर्थन से ही मनसे को नई ताकत मिली थी. मनसे का उबाल इस बात से नजर आया कि औरंगाबाद के बाद राज ठाकरे ने पुणे में बड़ी रैली को संबोधित किया. इसमें उन्होंने बताया कि क्यों उन्होंने अयोध्या दौरा रद्द किया. राज ने कहा कि अगर मैं अयोध्या जाता तो मेरे खिलाफ कई केस दर्ज किए जाते. मैं रामलला के दर्शन करना चाहता था लेकिन तबियत ठीक नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया. मेरी कमर में कुछ तकलीफ है. मैं मुंबई गया और इसकी जांच करवाई. डाक्टरों ने सलाह दी कि मैं लंबी यात्रा न करूं. मैंने अयोध्या दौरा कुछ समय के लिए स्थगित किया है. इस फैसले से कुछ लोगों को दुख हुआ और कुछ लोग खुश हो गए.
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर मैं अयोध्या जाता तो निश्चित रूप से मेरे साथ मेरे हजारों महाराष्ट्र नवनिर्माण सैनिक जाते और फिर तब कार्यकर्ताओं पर केस किया जाता. मुझे गाली मिलेगी तो चलेगा, मुझ पर टिप्पणी की जाएगी तो चलेगा, लेकिन मैं अपने कार्यकर्ताओं को फंसने नहीं दूंगा. उत्तर भारतीयों के अपमान के बारे में उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन इसलिए था कि लोगों को अपने राज्य में ही नौकरी मिले.
महाराष्ट्र में रेलवे की भर्ती निकली थी लेकिन हजारों की संख्या में दूसरे राज्यों से परीक्षा देने लोग आए थे. अब हमसे माफी मांगने की बात क्यों की जा रही है? 2017 में सूरत में यूपी और बिहार के लोगों को मारा गया. तब लगभग 1700 उत्तर भारतीय गुजरात छोड़कर मुंबई आए. मुंबई तो ऐसा ही है कि आओ-जाओ घर तुम्हारा! उन लोगों से कौन माफी मांगने के लिए कहेगा? यह सब राजनीति है.