घुसपैठियों की समस्या, अवैध बांग्लादेशियों पर केंद्र का कड़ा रुख

    Loading

    बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या काफी पुरानी है जिसके लिए बीजेपी ने हमेशा कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों की सरकारों को दोषी ठहराया. पिछले 8 वर्षों से केंद्र में बीजेपी की सरकार है जिसके पास सारी गुप्तचर एजेंसियां हैं फिर भी वह इस घुसपैठ को रोक पाने में सफल नहीं हुई. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के अनुसार पिछले 5 वर्षों में 2,399 बांग्लादेशी नागरिकों को धोखाधड़ी से हासिल भारतीय दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए पाया गया. 

    मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है तथा सीमा पार से अवैध घुसपैठ तथा गैरकानूनी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की रोकथाम के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2 चरणों में फ्लडलाइट के साथ बाड़ लगाने को मंजूरी दी. आरएसएस व बीजेपी विगत कई दशकों से बांग्लादेशियों की घुसपैठ का मुद्दा उठाते रहे हैं. उनका आरोप रहा है कि कांग्रेस तथा विपक्षी पार्टियों ने वोट बैंक के लालच में बांग्लादेशियों को अवैध रूप से भारत में जगह-जगह बसाया है. 

    असम में तो बांग्लादेशियों की तादाद स्थानीय मूल निवासियों से भी ज्यादा हो गई है. दिल्ली के यमुना पार में भी इन लोगों की अवैध बस्ती बसाई गई. इनकी वजह से देश के संसाधनों पर भारी बोझ आता है. वर्तमान कानून मंत्री तथा इसके पहले गृह राज्यमंत्री रह चुके किरेन रिजिजू ने संसद को सूचित किया था कि भारत में लगभग 2 करोड़ अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं. इनमें से कितने ही तस्करी, विभिन्न अपराधों व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं. बांग्लादेश में अधिक आबादी और काफी गरीबी है.

    बांग्लादेशी को बंगाल आकर काम करने पर अपने देश से दोगुनी मजदूरी मिलती है. बांग्लादेश के 2 टका के बराबर 1 भारतीय रुपया है. बंगाल से बांग्लादेश गोवंश की तस्करी भी की जाती है. दोनों देशों के बीच 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा है जिसमें से 3,145 किलोमीटर पर बाड़ लगाने का काम किया जा चुका है. घुसपैठ के लिहाज से यह सीमा काफी संवेदनशील है. बांग्लादेश से भारत की सीमा 3 तरफ से मिलती है. बंगाल, मेघालय, असम, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों से यह सीमा लगी हुई है.

    बांग्लादेशियों की बढ़ती आबादी भी एक समस्या है जिसकी वजह से भारत में उनकी तादाद लगातार बढ़ती चली जा रही है. राजनीति और प्रशासन तंत्र में कुछ तत्व ऐसे भी हैं जो गलत तरीके से इन घुसपैठियों को भारत की नागरिकता व आधारकार्ड उपलब्ध कराने में मदद देते हैं. केंद्र ने राज्य सरकारों से भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए त्वरित कदम उठाने को कहा है.