कर संकलन उम्मीद से ज्यादा, लेकिन सब्सिडी का बोझ कायम

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    केंद्रीय आम बजट में व्यक्त किए गए अनुमान से कहीं ज्यादा टैक्स संकलन हुआ है. गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत ज्यादा कर राजस्व मिला है. अधिक कर संकलन होना सरकार के लिए उत्साहवर्धक है क्योंकि विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है. अक्टूबर में जीएसटी (माल व सेवाकर) कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया. 

    इसके पहले अप्रैल 2022 में भी जीएसटी संकलन 1.68 लाख करोड़ के रिकार्ड उच्च स्तर पर था. यह लगातार 8वां महीना है जब जीएसटी संकलन 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक हुआ है. गत वर्ष अक्टूबर 2021 में जीएसटी कलेक्शन 1,30,127 करोड़ रुपए था जबकि सितंबर 2022 में यह 1,47,686 करोड़ रुपए रहा. 

    लेखा महासंचालक ने हाल ही में सरकार की वित्तीय स्थिति को लेकर आंकड़े जारी किए. इसमें यह तथ्य सामने आया कि आशा से कहीं अधिक कर जमा हो रहा है. केंद्रीय बजट में अनुमान व्यक्त किया गया था कि समूचे वित्त वर्ष में कर संग्रह में मामूली 2 प्रतिशत की वृद्धि होगी लेकिन इसमें 18 प्रतिशत वृद्धि हुई. 

    इससे यही लगता है कि सरकार का कर संकलन का अनुमान काफी संकुचित था और वास्तविक कर वसूली सरकार की उम्मीद से ज्यादा है. अधिक का संकलन केंद्र व राज्य सरकार दोनों के हित में है. यद्यपि अप्रत्यक्ष कर वसूली ठीक-ठाक बनी रही लेकिन कर संकलन में उठाव प्रत्यक्ष करों की वजह से आया. प्रत्यक्ष कर संकलन में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई. 

    कारपोरेट और इनकम टैक्स कलेक्शन में तेजी आई. गत 8 अक्टूबर तक प्रत्यक्ष कर संकलन, बजट अनुमान का 53 प्रतिशत था. जहां तक अप्रत्यक्ष करों का मामला है कस्टम और एक्साइज से सामान्य कर आय हुई जबकि जीएसटी से काफी रकम वसूल हुई. जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की हिस्सेदारी की बिक्री या विनिवेश से बजट में 63,000 करोड़ रुपए की आय का अनुमान था लेकिन कुल 24,543 करोड़ रुपए का ही विनिवेश हो सका. 

    31 मार्च 2023 तक यह लक्ष्य पूरा कर पाना चुनौतीपूर्ण होगा. जहां तक सरकारी व्यय का सवाल है, वर्ष की प्रथम छमाही में रेलवे, सड़क परिवहन और महामार्ग निर्माण में सरकार का खर्च काफी अधिक रहा है. इसके अलावा खाद्यान्न तथा उर्वरक पर दी जा रही भारी सब्सिडी का भार सरकार के वित्तीय संसाधनों पर पड़ेगा. दूसरी छमाही में भी यह भार बढ़ने से घाटे की अर्थव्यवस्था पर काबू पाना सरकार के लिए मुश्किल होगा. अधिक कर संकलन से केंद्र व राज्यों को अर्थव्यवस्था संभालने में काफी हद तक मदद मिल जाएगी.