व्यर्थ का बड़बोलापन ये क्या बोल गए बाबा रामदेव!

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    हास-परिहास में भी मर्यादा और शालीनता का ध्यान रखना चाहिए यह बात खास तौर पर उन लोगों के लिए लागू होती है जो सार्वजनिक जीवन में काफी प्रसिद्ध हैं और जिनका कथन या बयान खबरों की सुर्खियां बन जाता है. योगगुरु बाबा रामदेव खुद एक ब्रांड बन चुके हैं. योग को प्रचारित करने के अलावा स्वदेशी औषधियों, बिस्किट, साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू जैसी रोजमर्रा की तमाम चीजों में ‘पतंजलि’ का नाम सर्वत्र प्रचलित हो गया है. बड़ी-बड़ी कंपनियों को वह टक्कर दे रहा है.

    मोदी सरकार आने के बाद से पतंजलि की तरक्की दिन दूनी, रात चौगुनी होती देखी गई. बाबा ने मार्केटिंग में अपनी अनूठी छाप छोड़ी. भगवा वस्त्रधारी बाबा एक बड़े व्यापारी के रूप में उभरे हैं. किसी का उत्कर्ष होना अच्छी बात है लेकिन व्यक्ति को अपनी गरिमा और शिष्टता को लेकर भी सजग रहना चाहिए.

    बाबा रामदेव से उम्मीद नहीं थी कि वे बगैर सोचे-समझे महिलाओं के बारे में ऊलजलूल टिप्पणी करेंगे. ठाणे में एक कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं के कपड़े को लेकर आपत्तिजनक बात कही. उन्होंने कह दिया कि महिलाएं साड़ी पहनकर भी अच्छी लगती हैं, सलवार-कमीज पहनकर भी अच्छी लगती हैं और मेरी राय में बिना कुछ पहने भी अच्छी लगती हैं. इस बेतुके बयान से बवाल मचना स्वाभाविक था. बाबा के इस इवेंट में महिलाएं योग के लिए ड्रेस लेकर आई थीं. योग के बाद तुरंत महिलाओं के लिए सभा शुरू हो गई. इसलिए महिलाओं को योग की ड्रेस चेंज कर साड़ी पहनने का मौका ही नहीं मिल पाया.

    इस पर बाबा ने यह अवांछित कमेंट कर दी. एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने बाबा के बयान की तीखी आलोचना की. महाराष्ट्र महिला आयोग ने तो बाबा को नोटिस देने की बात भी कही है. एनसीपी महिला नेता रूपाली ठोंबरे ने कहा कि बाबा रामदेव यदि पुणे आएंगे तो उन्हें सबक सिखाया जाएगा. बाबा पहले भी विवादास्पद बातें करते रहे हैं.

    उन्होंने अपनी दवा ‘कोरोनिल’ से कोरोना के शर्तिया इलाज का दावा किया था तथा एलोपैथी की आलोचना की थी. बाद में आईएमए की नाराजगी के बाद बाबा को माफी मांगनी पड़ी थी. महिलाओं के वस्त्रों पर कमेंट करनेवाले बाबा दिल्ली के रामलीला मैदान की सभा पर पुलिस कार्रवाई के बाद स्वयं महिलाओं का सलवार-कमीज पहनकर भागने को मजबूर हुए थे.