- 18 तक रजिस्ट्रेशन
- 22 को प्रोविजनल मेरिट सूची
- 27 को फाइनल मेरिट लिस्ट
- 28 से भरे जाएंगे ऑप्शन फॉर्म
- 08 दिसंबर से सेकंड राउंड के ऑप्शन
नागपुर. सीईटी परिणाम के करीब सप्ताहभर बाद सीईटी सेल द्वारा इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष प्रवेश प्रक्रिया का शेड्यूल जारी किया गया. इस बार समूची प्रक्रिया करीब 2 महीने तक चलेगी. पहले राउंड के प्रवेश 6 दिसंबर तक दिये जाएंगे. जबकि 8 दिसंबर से सेकंड राउंड के ऑप्शन फार्म भरे जाएंगे. इसके साथ ही डायरेक्ट सेकंड ईयर के प्रवेश के लिए भी नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. सीईटी सेल द्वारा जारी किये गये नोटिफिकेन के अनुसार मंगलवार से लेकर 18 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंट अपलोड किये जाएंगे.
वहीं 22 नवंबर को प्रोविजनल मेरिट सूची जारी की जाएगी. जबकि 23 से 25 तक आपत्ति दर्ज की जाएगी. इसके बाद 27 नवंबर को फाइनल मेरिट सूची घोषित होगी. मेरिट सूची आने के बाद कैप राउंड-1 के लिए 28 से 30 नवंबर तक ऑप्शन फार्म भरे जाएंगे. कॉलेजों का अलॉटमेंट होने के बाद 3-6 दिसंबर तक छात्र रिपोर्टिंग कर सकेंगे. पहले राउंड के प्रवेश होने के बाद 8-10 दिसंबर तक सेकंड कैप राउंड के लिए ऑप्शन फार्म भरे जाएंगे. इस राउंड के लिए 11 दिसंबर को प्रोविजनल अलॉटमेंट आएगा. वहीं 14 दिसंबर तक छात्रों को कॉलेजों में रिपोर्टिंग करना होगा.
डायरेक्ट सेकंड ईयर का भी शेड्यूल जारी
प्रथम वर्ष के साथ ही सीईटी सेल न डायरेक्ट सेकंड ईयर प्रवेश प्रक्रिया का भी शेड्यूल जारी किया है. इसके लिए छात्रों को 15 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन और डॉक्यूमेंट अपलोड करना होगा. 17 नवंबर को प्रोविजनल मेरिट सूची आएगी. जबकि फाइनल मेरिट सूची 21 नवंबर को जारी की जाएगी. वहीं 22 से 24 तक ऑप्शन फॉर्म भरे जाएंगे. जबकि 26 नवंबर को प्रोविजनल अलॉटमेंट किया जाएगा. छात्रों को 21 से 29 नवंबर तक कॉलेजों में रिपोर्टिंग करना होगा. डायरेक्ट सेकंड ईयर के प्रवेश में देरी की वजह से छात्रों को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं, क्योंकि दिसंबर से विवि द्वारा परीक्षा की शुरुआत कर दी जाएगी. इस हालत में छात्रों के पास पढ़ाई के लिए समय ज्यादा नहीं रहेगा.
देरी से प्रवेश पर पड़ेगा असर
इस बार कोविड की वजह से प्रवेश प्रक्रिया देरी से शुरू की जा रही है. अब तक सीईटी का परिणाम जारी होने से पहले ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ हो जाती थी लेकिन इस बार परिणाम जारी होने के सप्ताहभर बाद प्रक्रिया शुरू की गई है. प्रक्रिया में देरी का असर प्रवेश पर भी होगा. वैसे भी सीटों की तुलना में छात्रों की संख्या अधिक नहीं है. इस वजह से अनेक कॉलेजों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगने वाली है.