नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद भी किसान संगठन वापस नहीं जाने परे अड़े हुए हैं। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमिटी की हुई बैठक हुई। जिसमें कृषि कानूनों के वापिस होने के बाद भी वापस घर नहीं जाने और तय कार्यक्रम अपने समय पर होने का ऐलान किया है। जिसकी जानकारी दर्शन पाल सिंह ने दी।
आन्दोलन जारी रहेगा
पाल ने कहा, “आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने कहा, “कृषि कानूनों के अलावा हमारे मुद्दे, विशेष रूप से एमएसपी, हमारे खिलाफ मामलों को वापस लेना, बिजली विधेयक 2020 और वायु गुणवत्ता अध्यादेश को वापस लेना, और हमारे मरने वाले दोस्तों के लिए एक स्मारक के लिए एक स्थान का आवंटन लंबित है। हमें उम्मीद है कि सरकार मुद्दों को हल करने के लिए बैठक बुलाएगी।”
Our issues besides farm laws, especially MSP, withdrawal of cases against us, rollback of Power Bill 2020 & Air Quality Ordinance, & allotment of a location for a memorial for our friends who died, are pending. We hope Govt calls a meeting to resolve the issues: Darshan Pal Singh pic.twitter.com/qiPtyeEU9v
— ANI (@ANI) November 20, 2021
ज्ञात हो कि, शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि, बड़ी ईमानदारी और साफ़ नियत के साथ छटे किसान जिसकी संख्या १० करोड़ से ज्यादा है उनको फायदा पहुंचने के लिए लाए इस कानून (Farm Laws Repeal) को किसानों के एक वर्ग ने विरोध किया। हम लगातार उन्हें समझते रहे, लेकिन शायद हमारे प्रयासों में कोई कमी रह गई होगी जिसके कारण हम उन्हें समझा नहीं पाए।” इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने जनता से माफ़ी भी मांगी।