- जिले में 31 हजार लाभार्थी अयोग्य
- एनआयसी के गलत सर्वे का नतीजा भुगत रहे हजारों लाभार्थी
अमरावती. लगातार 20 वर्षों से बीरबल की खिचड़ी बनी प्रधानमंत्री आवास योजना में अपने घरकुल की प्रतीक्षा कर रहे लाभार्थियों की आंखें पथराने लगी है. इसी बीच घरकुल के प्रपत्र ड की सूची घोषित की गई है. जिसमें जिले के 31 हजार 401 लाभार्थियों को अयोग्य ठहरा दिया गया है. टीवी, फ्रिज, मोटर साइकिल व लैंड लाइन फोन जैसी विलासिता की वस्तुओं का उपयोग किये जाने पर अयोग्य करार दिया गया है. जिससे घरकुल का सपना देख रहे लाभार्थियों में शासन-प्रशासन को लेकर जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है.
लैंडलाइन का केबल तक नहीं
घरकुल के मामले में प्रशासन द्वारा किए गए गलत सर्वेक्षण से बड़ी गड़बड़ी होने का तथ्य सामने आया है. लाभार्थियों के संदर्भ में जानकारी इकठ्ठा करने की जिम्मेदारी दिल्ली के नैशनल इन्फारमेशन सेंट (एनआयसी) पर सौंपी गई थी. एनआयसी ने चौपट हो चुके बीएसएनएल कंपनी से ग्राहकों का डेटा मंगवाया. कभी मुफ्त में लैंडलाइन कनेक्शन बांटने के नाम पर गरीबों से आवेदन भरकर लिये गए थे. जिसके कारण अनेक गरीबों के नाम बीएसएनएल के ग्राहकों की सूची में शामिल हो गए.
जबकि वास्तविकता यह है कि संबंधित लाभार्थियों के घर पर लैंडलाइन फोन का केबल तक नहीं है. फिर भी लैंडलाइन फोन यूजर होने का आरोप लगाकर घरकुल की लिस्ट से संबंधित लाभार्थियों को कट कर दिया गया. दूसरी ओर एनआयसी को रिपोर्ट उपलब्ध करने वाले कुछ रोजगार सेवकों को लैंलाइन व लैंड में अंतर समझ में नहीं आने से उन्होंने जानकारी उपलब्ध कराने में गड़बड़ी किये जाने का तथ्य भी सामने आया है.
20 वर्षों से पथराई आंखें
केंद्र शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 2010-11 में घरकुल लाभार्थियों के आवेदन बुलाकर उस दिशा में सर्वेक्षण किया गया. इस समय ‘अ’ की मुख्य सूची तैयार की गई. जिसमें योग्य लाभार्थियों को ‘ब’ सूची में डाला गया. अयोग्य लोगों को ‘क’ सूची में डाला गया. यदि योग्य होने के बाद भी लाभार्थियों को लाभ दिया जा सकता है. ऐसे लोगों को ड सूची में समाविष्ट किया या था. जिसमें फिर परत सर्वे कर यह प्रपत्र ‘ड’ सूची प्रकाशित की गई है. 20 वर्षों से शुरू इस प्रक्रिया में घरकुल का सपना देख रहे अनेक लाभार्थियों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लाभार्थियों ने गहने, खेती-बाड़ी बेचकर अपने मकान बना लिए. लेकिन अभी भी अधिकांश लाभार्थी घरकुल की प्रतीक्षा में है. जिसमें से कुछ लोगों को चिल्लर कारणों के चलते सूची में से अयोग्य करार देकर बाहर कर दिया गया.
राज्य में 11 लाख अयोग्य
राज्यभर में घरकुल मिलने के लिए ग्रामीण भागों में प्रपत्र ‘ड’ के 56 लाख लाभार्थियों के आवेदन थे. जिसमें से 45 लाख लाभार्थी घरकुल के लिए योग्य ठहराए गए. जबकि 11 लाख लाभार्थी अयोग्य करार दिए गए. अमरावती जिले में 1 लाख 74 हजार 143 लाभार्थियों का समावेश सूची प्रपत्र ‘ड’ में था. जिसमें से 31 हजार 401 लोगों को अयोग्य ठहराया गया है.
दुबारा सर्वे होगा
इस सूची पर अयोग्य लाभार्थियों की आपत्ति होने से दुबारा सर्वे होकर प्रपत्र ‘ड’ में अयोग्य हुए लाभार्थियों की अ,ब,क ऐसी वर्गीवारी की सूची फिर तैयार की जा रही है. -श्रीराम कुलकर्णी, प्रकल्प संचालक, डीआरडीए, अमरावती.
तहसील वार अयोग्य उम्मीदवारों की सूची
तहसील कुल लाभार्थी अयोग्य लाभार्थी
अचलपुर 16340 2005
अमरावती 12680 2980
अंजनगांव सुर्जी 7191 1143
भातकुली 9645 1609
चांदूर रेलवे 10974 1458
चांदूर बाजार 13401 2438
चिखलदरा 10713 2189
दर्यापुर 18462 2097
धामणगांव रेलवे 10114 2054
धारणी 12780 1646
मोर्शी 13542 3079
नांदगाव खंडेश्वर 14112 2515
तिवसा 9016 2583
वरुड़ 15173 3605
कुल 174143 31401