‘शक्ति’ कानून बनाने विशेष सत्र बुलाए सरकार

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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) सहित राज्य के विभिन्न जिलों में महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार (Rape) सहित अन्य अत्याचार की घटनाओं को देखते हुए राज्य में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। मुंबई भाजपा (Mumbai BJP) की तरफ से महिलाओं के एक शिष्टमंडल ने सोमवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) से मिल कर ‘शक्ति’ कानून बनाने की गुहार लगायी। राज्यपाल से मांग की गयी कि कानून बनाने के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया जाय। 

    महिलाओं की तरफ से राज्यपाल को बताया गया कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार गठित होने के बाद से महिलाओं पर गंभीर तरह के अत्याचार बढ़े हैं। अपराधियों का मनोबल बढ़ने से महिलाओं में असुरक्षा की भावना निर्माण हो रही है। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल शीतकालीन सत्र में शक्ति कानून बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक कानून नहीं बन पाया है। राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में मांग की गयी कि मुंबई के साकीनाका में हुए निर्मम बलात्कार के आरोपी को फांसी दी जाय। भाजपा शासन काल में  कार्यान्वित की गयी सीसीटीवी कार्यप्रणाली को और अधिक सृढृढ़ की जाय। राज्यपाल से मिलने गए महिला शिष्टमंडल में विधायक एवं पूर्व मंत्री विद्या ठाकुर, विधायक मनीषा चौधरी और भारती लवेकर, शलाका सालवी, मुंबई महिला मोर्चा अध्यक्षा शीतल गंभीर, श्वेता परुलकर, मुंबई भाजपा युवती प्रमुख पल्लवी सप्रे  सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थीं।

    राउत पर भड़की चित्रा वाघ 

    भाजपा उपाध्यक्ष चित्र वाघ ने शिवसेना प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत के खिलाफ कड़ी नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि राउत किसे बचाना चाहते हैं। साकीनाका बलात्कार प्रकरण को हाथरस, कठुआ से जोड़ना यह साबित करता है कि संवेदना नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। उन्होंने कहा कि यह तालिबानी मानसिकता का द्योतक है।

    अपराधी का कोई जाति और धर्म नहीं होता 

    साकीनाका बलात्कार मामले को जौनपुर पैटर्न कहने पर भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पांडेय ने कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या पुणे सामूहिक बलात्कार मामले को पुणे पैटर्न कह कर संबोधित करेंगे या औरंगाबाद में जिस महिला के साथ बलात्कार हुआ वह औरंगाबाद पैटर्न है। पांडेय ने कहा कि गंदगी का विश्लेषण गंदगी में रहने वाले ही कर सकते हैं। अपराधी का कोई जाति, धर्म, भाषा या प्रांत नहीं होता है। वह केवल अपराधी होता है। साकीनाका की निर्भया को मृत्यु के बाद न्याय देने की बजाय गंदी राजनीति की जा रही है।