सिद्धू के मन की बात आ ही गई जुबां पर

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    यह बात नवजोतसिंह सिद्धू को भी समझनी चाहिए कि राजनीति टीवी का कॉमेडी शो नहीं है. यह न तो कोई टी-20 के मैच की कमेंट्री है न ढाई घंटे में खत्म होनेवाली बालीवुड की फिल्म! राजनीति में धैर्य रखना पड़ता है लेकिन सिद्धू सब्र रखनेवालों में से नहीं हैं. उन्हें सबकुछ तत्काल चाहिए और यदि मन की नहीं हुई तो बिगड़ पड़ते हैं. 

    कैप्टन अमरिंदरसिंह जैसे अनुभवी नेता को हटाए जाने के बाद सिद्धू पंजाब के सीएम बनना चाहते थे लेकिन उनके मन की मुराद पूरी नहीं हो पाई. अब उनका एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे अपने पिता का नाम लेते हुए कह रहे हैं कि भगवंतसिंह सिद्धू के बेटे को बनाते सीएम तो फिर दिखाता सक्सेस! इसके बाद सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी का बिना नाम लिए पंजाबी में गाली देते हुए कहा कि 2022 में तो ये कांग्रेस को डुबो देगा. इस वीडियो के वायरल होते ही विपक्षी अकाली दल के महासचिव डा. दलजीत चीमा ने कहा कि सिद्धू के मन में अभी भी इस बात की फांस है कि एक दलित को पंजाब का सीएम क्यों बनाया गया. इस वीडियो से यह भी साबित होता है कि सिद्धू किसानों के हित की नहीं सोचते. उनकी मंशा सिर्फ सीएम बनने की रही है और कांग्रेस में ओहदों को लेकर होड़ मची हुई है.

    कांग्रेस ने चन्नी को सीएम बनाकर जो दलित कार्ड खेलने की कोशिश की थी, उसकी सच्चाई सामने आ गई. सिद्धू के मन में चन्नी के प्रति जैसी भावना है, उससे तो लगता है कि वे चन्नी को चंद महीनों का अस्थायी मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं. यदि पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती तो इसका श्रेय लेकर सिद्धू मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोकेंगे. इसके विपरीत अगर कांग्रेस हार गई तो सिद्धू सारा दोष चन्नी पर मढ़ देंगे. कांग्रेस हाईकमांड को भी दोषी ठहराएंगे कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने की गलती पार्टी को महंगी पड़ी. जो भी हो सिद्धू अतिमहत्वाकांक्षी, उतावले व अस्थिर स्वभाव के व्यक्ति हैं. कैप्टन को हटाने से ही वे संतुष्ट नहीं हुए. उनके दिल में खलिश है कि मुझे सीएम क्यों नहीं बनाया गया!