आंदोलनकारी किसानों की मौत से कैसे अनजान रह सकती है सरकार

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    जिस किसान आंदोलन ने केंद्र की मोदी सरकार को घुटने पर ला दिया, वह सरकार आंदोलनकारी किसानों की मृत्यु से कैसे अनजान रह सकती है? उसका अनभिज्ञता दिखाना नौटंकी ही है. जिस समय किसानों की जान जा रही थी, तब क्या सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी कुंभकर्ण की नींद में सोई हुई थी? केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर का यह कहना असंवेदनशीलता है कि किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों का कोई आंकड़ा सरकार के पास नहीं है. ऐसे में वह प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने पर भी विचार नहीं कर रही है, वित्तीय सहयोग का सवाल ही पैदा नहीं होता. यदि सचमुच ऐसी बात है तो इसका मतलब ही हुआ कि सरकार और उसका प्रशासन बेहद लापरवाह हैं. किसान आंदोलन सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था. उसकी लगातार इस पर निगाह बनी हुई थी. ऐसे में 700 से ज्यादा किसानों की मौत की उसे  भनक नहीं होने की बात किसी के गले नहीं उतर सकती. यह तो हो ही नहीं सकता कि किसान पुलिस के बल प्रयोग, बीमारी, भीषण ठंड की वजह से मरते रहे और सरकार को खबर ही नहीं हुई! आखिर सरकार इतना सफेद झूठ क्यों बोल रही है?

    कांग्रेस ने आड़े हाथ लिया

    कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने संसद में यह बयान देकर किसानों का अपमान किया है कि उसे आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की संख्या का पता नहीं है. जब सरकार को मृत किसानों की संख्या ही नहीं मालूम तो वह किस तरह से कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े एकत्रित कर पाएगी? कोरोना के दौरान 50 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है जबकि सरकार कुछ लाख लोगों की संख्या बता रही है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह सरकार झूठ के अलावा कुछ नहीं बोलती है. सरकार के इस बयान पर कि विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौत का कोई डेटा उसके पास नहीं है, कांग्रेस सांसद दीपेंद्रसिंह हुड्डा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या ये बात सरकार सच्चे और शुद्ध मन से कह रही है? अगर सरकार के पास किसान आंदोलन से जान की कुर्बानी देनेवाले करीब 700 किसानों का आंकड़ा नहीं है तो मैं सरकार को ये आंकड़ा देने को तैयार हूं. सरकार सभी दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दे और किसान परिवारों को मुआवजा व नौकरी दे.

    चिदंबरम की कड़ी प्रतिक्रिया

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार आंदोलन के दौरान जान गंवानेवाले किसानों की सरकार के बारे में पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह से पूछ सकती है, जिनके नेतृत्ववाली सरकार ने इनका आंकड़ा तैयार किया था. इसके आगे कदम बढ़ाते हुए सरकार अपने सूचना मंत्री से कह सकती है कि वह पुराने अखबार खंगालें और राज्यों में किसानों की मौत की खबरों से आंकड़े जुटाएं.

    संयुक्त किसान मोर्चा ने निंदा की

    तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मरे किसानों के परिजनों को मुआवजा देने को लेकर संसद में केंद्र सरकार के जवाब की संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आलोचना की और उन परिजनों को वित्तीय सहायता देने की अपनी मांग दोहराई. एसकेएम ने आरोप लगाया कि सरकार औपचारिक वार्ता शुरू नहीं कर प्रदर्शनकारी किसानों को बांटने का प्रयास कर रही है.