- सूखी हरी फल्लियों के दाने होने लगे अंकुरित
आसेगांव. अब से कुछ दिनों बाद किसानों के द्वार आने वाली उपज को अब बारिश ने नुकसान पहुंचाने का काम करना शुरू कर दिया है. खेतों में खड़ी सोयाबीन की सूखी फसल समेत हरी फसलों के दानों में भी बरसात की वजह से अंकुर निकलने लगे है़ जिससे किसान चिंतित होने के साथ यही कहने पर मजबूर होने लगे है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा बर्बाद कर रहा तु हमारा पैसा. इस तरह की स्थिति वाकई में बनी हुई है.
24 सितंबर तड़के 4 बजे बिजली की गड़गड़ाहटों के साथ आसेगांव समेत लगभग आस पड़ौस के 50 से अधिक गांव में धुआंधार तेज बारिश हुई. जो शाम तक कभी धीमी तो कभी रिमझिम बनकर बरसती रहने से खेतों में अनेको जगह पानी जमा. इसी जमे हुए पानी की वजह से कटाई योग्य वाली सूखी हुई फसलों के दानों में अंकुर निकलने लगे. जिससे किसान चिंतित हो गए. अनेको किसान की मांग है कि खेतों की खड़ी फसल जो बरसात के कारण अंकुरित होने लगी है. उन का सर्वेक्षण कर सरकार स्तर से मुआवजा दिया जाएं.
उपज मंडियो में उपज जाने से पूर्व दरों में गिरावट
उपज मंडियों में सोयाबीन उपज बिक्री के लिए जाने से पूर्व दाम कम होने से पहले ही किसान निराश थे. किंतु अब बरसात पानी की वजह से अंकुर निकलने वाली फसल उपज के दाम और भी कम होने की संभावना निर्माण होने से किसानों में दोहरी निराशा बन गई है.
हजारों हेक्टेयर फसलों की ऐसी ही स्थिति
आसेगांव परिसर में किसानों ने 95 प्रतिशत सोयाबीन की फसल का बुआई कार्य किया था. जो अब कुछ ही दिनों में किसानों के घर आने ही वाली थी. किंतु बीते दो तीन दिनों से जारी धुआंधार बारिश ने इस क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर अच्छी फसल उपज को क्षति पहुंचाने का काम किया है.
खेत तालाब बहे
आसेगांव समीपस्थ ग्राम पिंपलगांव ईजारा खेत परिसर में निर्माण किए गए एक खेत तालाब में बरसात के अधिक जल जमा होने से तथा अधिक जल का स्तर बढ़ने से तालाब की मिट्टी बह गई. जिसका जल करीबी खेतों से बहा जिसने खेतों की फसलों को नुकसान पहुंचाया.
चार दिनों से सूर्य देव के दर्शन नहीं
बीते चार दिनों से आसमान काली बादलों की चादर से ढ़का रहने के कारण सर्द मौसम बना हुआ है. कभी हल्की तो कभी धुआंधार बारिश होने लगी है. बीते चार दिनों से सूरज देवता के भी दर्शन नहीं हो पाए है.