देश में व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर कोरोना महामारी की तीसरी लहर को रोका जा सकता है. इसमें सबसे बड़ी दिक्कत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के असहयोगी रवैये से है. साक्षरता के अभाव में वे टीके का महत्व समझने को तैयार नहीं होते. देश के 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग गांव में रहते हैं जिनमें कोरोना को लेकर भ्रांति फैली है.
वहां के झोलाछाप डाक्टरों और अफवाहों के बीच टीकाकरण इस हद तक चलाना होगा कि हर्ड इम्यूनिटी हासिल की जा सके. जो लोग वैक्सीन लेने को तैयार नहीं हैं या इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें भरोसा दिलाना होगा. अफवाहों पर नियंत्रण व त्वरित कार्रवाई करनी होगी. कुछ सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं जैसे कि जितने लोग राशन कार्ड पर मुफ्त राशन ले रहे हैं, उनके लिए अनिवार्य कर दिया जाए कि राशन उन्हीं को मिलेगा जिनके परिवार के 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लग चुका है. बच्चों के स्कूल में एडमीशन को लेकर घोषणा की जाए कि केवल उन्हीं बच्चों को लिया जाएगा जिनके माता-पिता को वैक्सीन लग चुका हो.