भविष्य में शिवसेना ही CM तय करेगी सहयोगियों को शह

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    राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में वर्चस्व की होड़ बरकरार है. यद्यपि प्रमुख नेता यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि सब कुछ ठीक है लेकिन वास्तविकता भिन्न है. आघाड़ी के 2 प्रमुख दलों शिवसेना व एनसीपी में टकराव तेज हो गया है. एनसीपी को लगता है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सामने रखकर वही सरकार चला रही है, जबकि शिवसेना अपनी ताकत व प्रभुत्व पर पूरा जोर दे रही है. शिरूर से एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि उनके नेता शरद पवार के आशीर्वाद से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. इस कथन से विवाद छिड़ गया.

    इसके जवाब में शिवसेना के पूर्व सांसद शिवाजीराव आधलराव पाटिल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शिवसेना ने तय किया है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा और अगले 25 वर्षों तक वह ऐसा करती रहेगी. इस कथन से जाहिर होता है कि अपनी ताकत को लेकर शिवसेना में भारी आत्मविश्वास है. सत्ता पाने के उद्देश्य से एनसीपी और कांग्रेस ने उसके साथ आकर आघाड़ी बनाई है. उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना ही इसका प्रमाण है कि शिवसेना ही आगे है और बाकी दोनों पार्टियां उसके पीछे! शिवसेना ने इस बयान से सहयोगी दलों को शह दी है. जब शिवसेना ने तीखे तेवर दिखाए तो एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे ने अपनी बात से पलटी मारते हुए कहा कि मेरी बात को गलत ढंग से लिया गया. मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बहुत सम्मान करता हूं और मेरे उनसे अच्छे रिश्ते हैं.