महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और खासतौर पर महिला सुरक्षा को लेकर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच पत्रयुद्ध छिड़ गया. हाल ही में मुंबई के साकीनाका में हुई दुष्कर्म की घटना के बाद बीजेपी की महिला विधायकों की मांग पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से विधानसभा का 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाने को लेकर पत्र लिखा. इसके जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पत्र में कहा कि राज्यपाल को बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा और उन पर बढ़ते हमलों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए संसद का 4 दिनों का सत्र बुलाने के लिए केंद्र से अनुरोध करना चाहिए. इसके लिए राज्यपाल प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखें.
ठाकरे ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कोश्यारी के गृहराज्य उत्तराखंड सहित बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े दिए. उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा इस तरह के निर्देश से नए विवाद पैदा हो सकते हैं और लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रिया को नुकसान हो सकता है. ठाकरे ने पत्र में कहा कि उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के बारे में राज्यपाल की चिंताओं का संज्ञान लिया है. सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठा रही है. ठाकरे ने लिखा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध समाज पर धब्बा है तथा यह राष्ट्रीय चिंता का विषय है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होनी चाहिए.
दिल्ली में जहां कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है, 9 वर्षीय दलित बालिका का सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की गई. मुख्य अभियुक्त और उसके साथियों ने सबूत नष्ट करने के लिए शव जला दिया. बीजेपी शासित बिहार में भी ऐसी ही घटना हुई. एक संसद सदस्य ने अपनी सहयोगी से दुष्कर्म किया. अदालत के हस्तक्षेप के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने साकीनाका मामले पर तुरंत कार्रवाई की. उत्तरप्रदेश में भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं. ठाकरे ने पत्र में लिखा कि आपने (कोश्यारी) लंबे समय तक उत्तराखंड में सरकार का नेतृत्व किया है. मुझे बताया गया कि अधिकृत आंकड़ों के मुताबिक वहां महिलाओं पर अत्याचार में 150 प्रतिशत वृद्धि हुई, तो क्या उत्तराखंड में भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए?