Lalu yadav
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    बिहार की राजनीति में लालू फैक्टर दशकों से महत्वपूर्ण रहा है. लालूप्रसाद यादव जेल में हों या बाहर, राष्ट्रीय जनता दल के गतिविधियां उन्हीं के संकेतों पर संचालित होती हैं. जब चारा घोटाले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी तो उन्होंने अपनी जगह अपनी अनपढ़ पत्नी राबडी देवी को मुख्यमंत्री बनवा दिया था. इससे जनता के बीच उनके असर को समझा जा सकता है.

    केंद्र में जनता दल सरकार के समय भी उनकी किंगमेकर की भूमिका रही थी. लालूप्रसाद यादव लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जेल से रिहा कर दिए गए. झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें 17 अप्रैल को ही जमानत दे दी थी. स्वास्थ्य कारणों से अब भी वे एम्स में रहेंगे. उनके जेल से बाहर आने की वजह से उनकी पार्टी आरजेडी में उत्साह होना स्वाभाविक है. खासतौर पर तेजस्वी यादव को अपने पिता का पर्याप्त मार्गदर्शन उपलब्ध होगा. लालू चुनाव लड़ने के लिए अपात्र हैं लेकिन वे अपनी पार्टी को मजबूत अवश्य बना सकते हैं. लालू का अनुभव और कार्यशैली कुछ इस प्रकार की है कि मुख्यमंत्री नीतीशकुमार को भी उनकी चालों को लेकर सतर्क रहना पड़ेगा.