प्रतीकात्मक तस्वीर
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परिस्थिति वाकई गंभीर है तभी तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर को ‘सुनामी’ बताया है. जिन लोगों ने सुनामी को देखा है वे जानते हैं कि समुद्र से 25-30 फुट, ऊंची भीषण लहर तेजी से आती है और सब कुछ तबाह कर देती है, किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिलता. सीएम ने आगाह किया है कि यद्यपि लोगों ने दशहरा, व छठ पूजा पर संयम से काम लिया है लेकिन कोरोना की दूसरी लहर फिर से आने को तैयार है. इसलिए जनता नियमों का पालन करे और प्रशासन को फिर लॉकडाउन (Lockdown)लगाने के लिए मजबूर न करे. वैक्सीन आई नहीं है और कोरोना गया नहीं है. आगामी एक माह का समय काफी खतरनाक है. मुख्यमंत्री ने जनता को सतर्क करते हुए कहा कि कार्तिक एकादशी को पंढरपुर में भीड़ न लगाएं. काम नहीं होने पर घर में ही रहें. लोगों को अपनी जिम्मेदारी खुद समझनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिनों में स्थिति की जानकारी मांगी

महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना संक्रमण के 5760 नए मामले आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 18 लाख के करीब जा पहुंची है. मृतकों की कुछ तादाद 46,573 हो गई है. लगभग 2 प्रतिशत कोरोना संक्रमित जान गंवा बैठते हैं. कोरोना की वजह से रोग प्रतिरोधक शक्ति अत्यंत क्षण हो जाती है और जिन मरीजों को पहले से हृदय रोग, फेफडे या लीवर की बीमारी, मधुमेह आदि है उनकी स्वास्थ्य जटिलता बढ़ जाती है और उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य में कोरोना की स्थिति के बारे में 2 दिनों में जानकारी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट को संक्रमितों की संख्या जांच के लिए उठाए जाने वाले कदमों, चिकित्सा के प्रबंध, बेड की उपलब्धता आदि के बारे में जानकारी देनी होगी. एहतियाती उपायों के बारे में भी बताना होगा कि स्थिति विकट होने पर उससे निपटने की क्या तैयारी है.

लापरवाही जान लेवा साबित होगी

दिल्ली, गुजरात, राजस्थान में कोरोना की दूसरी-तीसरी लहर चल रही है. दिल्ली से मुंबई आने वाली हवाई उड़ानों व ट्रेनों पर रोक लगाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं ताकि संक्रमण फैसले से रोका जा सके. सतर्कता व ावधानी इसी में है कि लोग मेल मिलाप करने से बचें, व्यर्थ प्रवास न करें, फोन पर बातचीत कर लेना पर्याप्त है. बार बार साबुन से हाथ धोएं और जहां साबुन पानी न मिले तो हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. दो गज की दूरी वाली सोशल डिस्टेंसिंग का हर समय ध्यान रखें. बुजुर्ग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं इसलिए वे ज्यादा सावधानी बरतें. मास्क लगाकर ही बाहर निकलें और उसे ठीक से पहनें. कुछ लोग नाक मुंह ढंकने की बजाय गले में मास्क लटकाए रहते हैं जो कि गलत है. वायरस कहीं भी मौजूद रह सकता है. शापिंग, होटल में भीड़ करना, थियेटर जाना भी टालें. आनलाइन शापिंग या टीवी पर मनोरंजन का विकल्प मौजूद है. अधिकतम सावधानी बरतना स्वयं के व परिवार के हित में है. जिसे संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा उसके इलाज पर लाखों रुपए खर्च हुए. इसलिए ऐसी नौबत ही न आने दी जाए. गाड लाइन का पालन करने से ही लोग अपनी हिफाजत कर सकते हैं.