टाकीजों में लौटेगी बहार बिग स्क्रीन का प्यार फिर होगा गुलजार

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, महाराष्ट्र सरकार ने 22 अक्टूबर से सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स खोलने की घोषणा कर दी है. दर्शकों का लंबा उपवास खत्म होगा और वे बिग स्क्रीन अर्थात बड़े पर्दे पर डोल्बी साउंड के साथ मूवी देखने का आनंद उठा सकेंगे. अब तक उनकी मजबूरी मोबाइल या टीवी पर फिल्म देखने की थी. ऐसा समझ लीजिए कि अब टाकीजों में लौटेगी बहार, उमड़ पड़ेगा बिग स्क्रीन का प्यार और फिर मल्टीप्लेक्स होंगे गुलजार!’’ हमने कहा, ‘‘अब तक लोग नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर फिल्म देखने को मजबूर थे. इसमें बड़े स्क्रीन का मजा नहीं आता था. जिन फिल्मों को ओटीटी पर रिलीज किया गया, उनमें से अधिकांश सफल नहीं हो पाईं. 

    अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी की फिल्म ‘चेहरे’ पिट गई. सैफ अली खान की ‘भूत पुलिस’ भी चल नहीं पाई. इसके बावजूद लॉकडाउन के दौरान दक्षिण भारत के अभिनेता विजय की ‘मास्टर’ नामक फिल्म ने 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस किया. उसे हिंदी में भी डब किया गया.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, टाकीजों और मल्टीप्लेक्स बंद रहने से देश भर के 2 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए थे. सभी के पीछे परिवार की जिम्मेदारी थी. फिल्म दर्शक मायूस थे. अब वीराने में बहार आ जाएगी. 50 प्रतिशत कैपेटिसी की अनुमति देना भी अभी काफी रहेगा.

    मल्टीप्लेक्स में फिल्म को देखकर जो अनुभूति होती है वह मोबाइल या लैपटाप पर देखकर नहीं होती. टाकीजों में दर्शक एकाग्र होकर तन्मयता से मूवी देखता है जबकि घर में आधी-अधूरी या किश्तों में देखता है. बीच-बीच में किसी काम से या खाने-नाश्ते के लिए उठना पड़ता है.’’ हमने कहा, ‘‘अगर बिजनेस की बात करें तो कुछ फिल्म निर्माता-निर्देशकों ने अपनी करोड़ों की बनी फिल्म ओटीटी पर रिलीज करने की बजाय मल्टीप्लेक्स और टाकीज में प्रदर्शन के लिए रोक रखी थीं इनमें अक्षयकुमार की बेलबाटम, कंगना रनौत की जयललिता के जीवन पर बनी फिल्म थलाइवी, रोहित शेट्टी की फिल्म सूर्यवंशी, अजय देवगन की फिल्म मैदान के अलावा गंगूबाई काठियावाड़ी का भी समावेश है. अब बड़े पर्दे पर बड़ा दिल रखकर ये फिल्में देखी जा सकेंगी. दशहरा-दिवाली पर इसके लिए भरपूर आडिएंस मिलेगी.’’