कांग्रेस को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने जिस तरह की तीखी और चुभनेवाली टिप्पणी की, उसका वैसे ही कड़े शब्दों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दो टूक जवाब दिया है. पवार ने कांग्रेस की कमजोरी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि कांग्रेस इन दिनों एक ऐसे जमींदार की तरह है जिसने अपनी सारी जमीन गंवा दी है और अब अपनी हवेली की भी सुरक्षा नहीं कर पा रही है. उसकी जो हजारों एकड़ जमीन थी, वह अब घटकर 15 से 20 एकड़ रह गई लेकिन जमींदार जब सुबह उठता है तो आसपास के हरे-भरे खेतों को देखकर सोचता है कि यह सारी जमीन उसी की है. सच्चाई तो यह है कि वह जमीन कभी उसकी थी लेकिन आज उसकी नहीं है.
आघाड़ी सरकार में कांग्रेस-एनसीपी की भागीदारी होने के बावजूद पवार ने ऐसा फिकरा कस कर कांग्रेसजनों का दिल दुखाया. राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. एक समय बीजेपी भी तो लोकसभा में 2 सीटों पर सिमटकर रह गई थी. पवार पर पलटवार करते हुए नाना पटोले ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस ने कभी भी जमींदारी नहीं की. पार्टी ने जिसे सत्ता दी, उसी ने कांग्रेस को धोखा दिया. पटोले का यह कथन ‘समझदार को इशारा काफी’ जैसा है. शायद उनका संकेत पवार द्वारा वसंत दादा पाटिल की सरकार गिराने को लेकर रहा होगा. पटोले ने कहा कि कांग्रेस ने अनेक लोगों को जमीन दी. कई लोगों ने यह जमीन हड़प ली. भले ही आज पवार को लगता है कि कांग्रेस के पास जमीन नहीं है, लेकिन देश में बीजेपी का विकल्प सिर्फ कांग्रेस है.
कांग्रेस का दबदबा आज भी कायम है.
पटोले ने आत्मविश्वासपूर्वक कहा कि किसी नेता के बोलने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस 2024 में केंद्र की सत्ता में आ रही है और उसी का प्रधानमंत्री होगा. पवार-पटोले वाकयुद्ध को नया आयाम देते हुए महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला थोरात ने कहा कि कांग्रेस की तुलना उत्तरप्रदेश के जमींदारों से करने के पवार के बयान से मैं पूरी तरह असहमत हूं. पवार को कांग्रेस के झंडे के नीचे आकर केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले पवार को थोरात का यह वक्तव्य चुभनेवाला लगेगा.