सड़क दुर्घटनाओं में महाराष्ट्र सबसे आगे

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अत्यंत चिंताजनक है कि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का गृहप्रदेश महाराष्ट्र सड़क दुर्घटनाओं (Maharashtra Road Accidents) में अव्वल है. हर इंसान की जान कीमती होती है लेकिन राज्य में 2020 में हुई 25,456 सड़क दुर्घटनाओं में 11,452 लोगों को जान गंवानी पड़ी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने 32वें सड़क सुरक्षा सप्ताह 2021 की शुरुआत करते हुए कहा कि ये आंकड़े काफी गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि मोटर वाहन चालक ‘यम’ को दूर रखने के लिए ‘नियम’ का पालन करें और ‘संयम’ का परिचय दें.

दुर्घटना के पीछे चालक की लापरवाही, ओवरस्पीडिंग, ट्रकों की ओवरलोडिंग, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़, देर तक गाड़ी चलाने पर ड्राइवर को अचानक झपकी लग जाना जैसे कारण हो सकते हैं. इसके अलावा समय पर गाड़ी का ब्रेक न लगना, पुराने खटारा हो चुके वाहनों का इस्तेमाल, नकली कलपुर्जे भी दुर्घटना की वजह बनते हैं. ऐसे लोग भी गाड़ी चलाते हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है और यातायात नियमों की जानकारी नहीं है. खराब, ऊबड़-खाबड़ और गड्ढे वाली सड़कें भी दुर्घटना के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं. वाहन चालक स्पीड लिमिट का पालन करें, ओवरटेक करते समय पूरी सावधानी बरतें तथा लेन सिस्टम का पालन करें तो दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है.

कभी ऐसा भी होता है कि कोई बिगड़ा हुआ ट्रक रास्ते में खड़ा कर दिया जाता है जिसमें रिफ्लेक्टर या लाल झंडी नहीं लगी रहने से पीछे से आने वाला वाहन भिड़ जाता है. शहरों में कितने ही युवा यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं और सिग्नल तोड़ने को अपनी शान समझते हैं, बगैर संकेत दिए टर्न लेते हैं. शराब पीकर गाड़ी चलाना, कार व ट्रक के बिल्कुल निकट से चलना, ऊंचे मोड़ पर गाड़ियों का टकरा जाना जैसी बातें होती हैं. फुटपाथ पर अतिक्रमण होने से लोग सड़क पर पैदल चलते हैं और अचानक किसी वाहन की चपेट में आ जाते हैं. पुलिस के सख्ती बरतने के साथ ही नागरिकों को स्वयं भी यातायात नियमों के पालन के बारे में सतर्क रहना चाहिए. ‘दुर्घटना से देर भली’ तथा ‘घर पर कोई आपका इंतजार कर रहा है’ जैसे फलक सड़क सुरक्षा के बारे में सचेत करते हैं. मुख्यमंत्री का यह कथन भी उल्लेखनीय है कि सड़क सुरक्षा अभियान सप्ताह, पखवाड़े या महीने तक सीमित न रखकर नियमित आधार पर चलाया जाना चाहिए.