अकोट. 2 मार्च 2021 को सदन की अनुमति से स्थगन को उठाने के बाद, अकोट उप-मंडल में अब सभी प्रकार की बिजली का कनेक्शन काटना शुरू हो गया है. परिणामस्वरूप जिन किसानों का बकाया है, उनकी फसल जलने की स्थिति में हैं क्योंकि ऐन मौसम के दौरान खेत में फसल के लिए पानी जरूरी है, बिजली कनेक्शन काटने से खड़ी फसल जलने की स्थिति में है. कोरोना महामारी ने पूरे देश की परिवहन प्रणाली को विकलांग बना दिया था, सरकारी-अर्ध सरकारी व्यवसायों उद्योग को बाधित कर दिया और देश के कई हिस्सों में कंपनियों सहित कई सरकारी कार्यालयों को बंद करना पड़ा था.
खेती में दिन-रात काम करनेवाले किसानों ने पूरे देश को बचाया, लेकिन उन्हीं किसानों के पीछे खड़े न होते हुये, इनको मदद न देते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार एमएसईडीसीएल के तहत किसानों के गले में एक फंदा डाल रही है. कई लोगों ने सरकार की नीति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है क्योंकि यह फसल के मौसम के दौरान खेत में कृषि पंपों की बिजली काटने का मतलब किसान को और कर्जे में डालना है. इस साल राज्य में भारी बारिश के कारण खरीफ का मौसम पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. इसमें से 40 फीसदी से कम कृषि उपज आई, अब सरकार रबी का सीजन भी खराब कर रही है.
एमएसईडीसीएल ने किसानों से कृषि पंपों का बकाया वसूलने के लिए ट्रांसफार्मर की बिजली आपूर्ति खंडित करने का आदेश दिया है. अकोट उप-मंडल में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के साथ-साथ कृषि पंपों की बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है और इसी कारण किसान थक गए हैं. खरीफ पूरी तरह से बर्बाद हो गया है, बेमौसम बारिश के कारण रबी का आधा हिस्सा बर्बाद हो गया है और अब सरकार के आदेश से मातम छा रहा है.
किसानों को लग रहा है कि सरकार एमएसईडीसीएल के तहत किसानों को मार रही है. किसानों से बकाया वसूलने के लिए एमएसईडीसीएल ने राज्य के सभी हिस्सों में ट्रांसफार्मर को बिजली की आपूर्ति खंडित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इसने ऐन रबी मौसम की पूर्व फसल की स्थिति में सिंचाई की कमी के कारण फसल और किसानों को संकट में डाल दिया है. पिछले सप्ताह से विभाग में किसानों के कृषि पंपों की बिजली चरण चरण में काट दी गई है.
कुछ स्थानों पर किसानों को अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि अन्य में किसानों को बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली कनेक्शन काट दिए जा रहे है. साथ ही कुछ किसानों ने बिजली का भुगतान किया उनकी बिजली आपूर्ति शुरू कर दी है. हालांकि, महावितरण के बिजली आपूर्ति खंडित अभियान के कारण किसान परेशानी में हैं. इस साल अच्छे मानसून के कारण किसानों ने रबी सीजन के दौरान ज्वार, मूंगफली, चना, मक्का, गेहूं, प्याज, ग्रीष्म कालीन बाजरा की बुआई की है.
गर्मी का मौसम दोपहर से अपने अंतिम चरण में है. किसान तबाह हो गया है. राज्य में अभी भी कई किसानों के घरों में कपास है, साथ ही खेतों में खड़ी रबी की फसलें भी. किसानों की मांग है कि उन्हें सीजन के अंत तक अपने बिजली के बिलों का भुगतान करने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें एमएसईडीसीएल द्वारा परेशान किया जा रहा है. बकायादार किसानों के लिए एक कृषि बिजली बिल रियायत योजना शुरू की गई थी, मगर इस कृषि बिजली बिल रियायत योजना को किसानों का अल्प प्रतिसाद मिला है. लेकिन अब जब खरीफ के सीजन में कोई आय नहीं हुई है, तो किसान नाराज हैं.