Maharashtra Former Home Minister Anil Deshmukh
अनिल देशमुख (फाइल फोटो)

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    मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की (Anil Deshmukh) जमानत अर्जी पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।  न्यायमूर्ति एन.जे.जामदार ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह की जमानत अर्जी पर जिरह पूरी होने के बाद मामले में सुनवाई पूरी कर ली। 

    न्यायाधीश ने कहा कि अदालत यथाशीघ्र फैसला देने की कोशिश करेगी।  उच्चतम न्यायालय द्वारा करीब छह महीने से लंबित अर्जी पर तेजी से सुनवाई कर फैसला देने के निर्देश देने के बाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मामले में सुनवाई शुरू की।  जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी होने पर देशमुख द्वारा शीर्ष अदालत का रुख करने का संदर्भ देते हुए न्यायमूर्ति जामदार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता के वकील विक्रम चौधरी को कहा कि शीघ्र सुनवाई के लिए अर्जी का यहां उल्लेख किया जा सकता है। 

    चौधरी ने इस पर कहा कि उनकी शिकायत उच्च न्यायालय के प्रति नहीं बल्कि ईडी अधिकारियों के खिलाफ है जो लंबे वक्त के लिए स्थगन मांगते हैं।  अर्जी का विरोध करते हुए एएसजी सिंह ने दावा किया कि देशमुख पर भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग और धन शोधन जैसे गंभीर आरोप हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक अपराध गंभीर है और यह देश की वित्तीय मजबूती को प्रभावित करता है। अदालत को कहना होगा कि आरोपी बिल्कुल संलिप्त नहीं है।” 

    देशमुख के वकील ने कहा था कि उन्हें उनकी सेहत और उम्र के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि देशमुख को ऐसी कोई बीमारी नहीं है जिसका इलाज जेल के अस्पताल में नहीं हो सकता है।  चौधरी ने तर्क दिया कि ईडी की जांच कभी खत्म नहीं होने वाली है।  गौरतलब है कि देशमुख इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने उन्हें पिछले साल नवंबर में धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था।  (एजेंसी)