गजब का चुनावी ऑफर दिन में 2 घंटे सोने की अनिवार्य छुट्टी

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz), चुनाव में तरह-तरह के लुभावने ऑफर दिए जाते हैं लेकिन गोवा में 2022 (Goa Election 2022) में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक बिल्कुल अलग तरह का और काफी विचित्र ऑफर दिया जा रहा है. गोवा फारवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई (Vijai Sardesai) ने कहा है कि यदि उन्हें गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया तो वे अनिवार्य रूप से दोपहर 2 से 4 बजे तक सोने की छुट्टी देंगे. इन 2 घंटों में लोग सारा कामकाज छोड़कर 2 घंटे की नींद या झपकी ले सकेंगे. उन्होंने इसे गोवा की संस्कृति के अनुरूप बताया जो आराम, बेफिक्री और मौज-मस्ती को महत्व देती है. आपकी इस बारे में क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘ऐसा प्रावधान करना लोगों को निकम्मा और आरामतलब बनाएगा.

प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नारा दिया था- आराम हराम है! सरकारी नौकरों को दिन में सोने की छुट्टी क्यों दी जाए जबकि वे रात में नींद ले सकते हैं? यह कितनी अजीब सी बात है कि दिन में 2 से 4 बजे तक पूरा गोवा सो जाएगा. कबीरदास ने कहा था- रात गंवाई सोय कर, दिवस गंवायो खाय. हीरा जनम अमोल था, कौड़ी बदले जाय. इस तरह उन्होंने रात को भी सोने से मना किया था और जागृत रहकर मानव जन्म का सदुपयोग करने की सीख दी थी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम संत कबीर की नहीं, गोवा के नेता विजय सरदेसाई की बात कर रहे हैं. गोवा में दोपहर की झपकी वाली परंपरा सदियों से चली आ रही है. वहां के लोग इसे ‘सुस्सेगाद’ कहते हैं. इसमें लोग दिन में खर्राटे लेकर सो सकते हैं.

गोवा की तमाम दुकानें भी दोपहर 2 से 4 बजे तक बंद रखी जाती हैं लेकिन अब कुछ बाहरी लोग आ गए हैं जो अपनी दुकान या होटल लगातार खुली रखते हैं. महाराष्ट्र को भी कितने ही परिवारों में दोपहर का खाना खाकर एक-दो घंटे सोने का रिवाज है. वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि दोपहर की झपकी लेने से तनाव दूर होता है, स्मरणशक्ति सुधरती है तथा कामकाज बेहतर तरीके से करने की एनर्जी मिलती है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को कैबिनेट मीटिंग के दौरान भी नींद आ जाया करती थी जिसे वे रोक नहीं पाते थे.’’ हमने कहा, ‘‘कुछ भी हो, सरदेसाई का यह चुनावी ऑफर लोगों को गैरजिम्मेदार और आलसी बनाने के लिए है. आज के गतिशील युग में सभी समय की कीमत जानते हैं और कोई भी कुंभकर्ण बनना नहीं चाहेगा.’’