शेर बहादुर देउबा के लिए चुनौती, राजनीतिक अस्थिरता से जूझता नेपाल

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    नेपाल में कम्युनिस्ट नेताओं केपी शर्मा ओली व पुष्पदहल कमल प्रचंड का टकराव वहां की राजनीतिक स्थिरता के लिए घातक साबित हुआ. इन नेताओं की वजह से नेपाल में चीन का प्रभाव भी बढ़ा. ओली की अल्पमत सरकार पहले ही डांवाडोल चल रही थी.

    ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने 5 माह में दूसरी बार 22 मई को संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था और 12 व 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी. ओली संसद में विश्वासमत खो चुके हैं. मध्यावधि चुनाव के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 याचिकाएं आई थीं. इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संसद की पुनर्स्थापना करने और विपक्ष के नेता शेरबहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश राष्ट्रपति को दिया. देउबा को 20 जुलाई तक सदन में अपना बहुमत साबित करना होगा.