नेता से अभिनेता तक अब ‘बड़े’ भी कोरोना की चपेट में

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, ताज्जुब की बात है कि बड़े-बड़े नेता भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. पता नहीं कोरोना की पहुंच इन दिग्गजों तक कैसे हो गई!’’ हमने कहा, ‘‘इस महामारी या पैंडेमिक के विषाणु के सामने न कोई छोटा है, न बड़ा. यह झोपड़ी से लेकर राजभवन तक कहीं भी पहुंच सकता है. कोई जेड प्लस या एसपीजी सिक्योरिटी भी इसको नहीं रोक सकती. नेता-अभिनेता किसी को भी यह नहीं छोड़ रहा है. इसे न शर्म है, न लिहाज! न अदब, न कायदा! सीधे बेधड़क बड़े-बड़ों तक पहुंच जाता है. अब देखिए न, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिनके अधीन देश की आंतरिक सुरक्षा और सारा पुलिस फोर्स है, भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए. तमिलनाडु के गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित भी पॉजिटिव होने से आइसोलेशन में चले गए. कनार्टक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनकी बेटी भी कोरोना पॉजिटिव हैं. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम का बेटा कार्ति कोरोना संक्रमण के बाद क्वारंटाइन हो गया.’’ यूपी की कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण कोरोना संक्रमण की वजह से चल बसीं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसी बातें सुनकर हमें डर लग रहा है. जब ये सुशिक्षित बड़े लोग पूरी सावधानी बरतते होंगे तो इन्हें संक्रमण कैसे हो गया? सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी 22 दिनों के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हुए.

अब वे घर के एकांतवास में रहेंगे.’’ हमने कहा, ‘‘जहां रोग प्रतिरोधक शक्ति या इम्युनिटी कमजोर हुई, कोरोना फौरन झपट्टा मारता है. इसलिए आप भी एहतियात बरतिए. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल, साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोते रहना जैसी आदतों को अपनाइए. वैसे कोरोना सर्वव्यापी है. यह हवा में, सतह पर, कहीं भी मौजूद हो सकता है. बड़े लोगों के पास बड़ा स्टाफ रहता है. यदि कोई कर्मचारी कोरोना पीड़ित हुआ तो बाकी लोगों को संक्रमण फैला देता है. नौकर, दरबान, माली, ड्राइवर, कुक कोई भी कोरोना का वाहक हो सकता है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अब तो शायद हाथ मिलाना, मेहमान नवाजी करना सब गुजरे जमाने की बातें होकर रह गई हैं. यह ऐसी ईद रही जिसमें लोग गले नहीं मिले. डर था कि कहीं भूल से कोरोना गले न पड़ जाए. जब बड़ों का यह हाल है तो आम जनता की बात ही क्या!’’