चुनाव के समय धर्म याद आता भारत की तरह ही हैं अमेरिका के नेता

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) अपने यहां जब चुनाव होते हैं तो नेताओं पर धार्मिकता का जुनून सवार हो जाता है. वे प्रसिद्ध मंदिरों और तीर्थस्थलों में दर्शन और पूजा के लिए जाते हैं. इस तरह चुनाव में देवबल हासिल करने की कोशिश करते हैं. राहुल गांधी तब जनेऊधारी शिवभक्त बन गए थे और पंडितों ने उन्हें दत्तात्रेय गोत्र का ब्राम्हण करार दिया था, जबकि राहुल के दादा फिरोज गांधी पारसी थे. इसके अलावा बीजेपी नेताओं का धर्म से लगाव तो बहुत पुराना है. वे जनसंघ के जमाने से नारा लगाते थे- देश धर्म का नाता है, गाय हमारी माता है.

उन्होंने अयोध्या में प्रॉमिस भी किया था- रामलला हम आएंगे, मंदिर यहीं बनाएंगे. अब तो मंदिर भी बनने जा रहा है.’’ हमने कहा, ‘‘आपको यह भी याद होगा कि 2019 के आम चुनाव का मतदान होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) केदारनाथ के दर्शन के लिए गए थे और गुफा में बैठकर ध्यान लगाया था. यह मत समझिए कि चुनावी मौसम के दौरान भारतीय नेता ही धर्म में रुचि रखते हैं, अमेरिका के नेता भी भारत की तरह ही हैं. उन्हें अमेरिकी नागरिक बन चुके भारतीयों के वोट लेने हैं, इसलिए डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी कमला हैरिस ने ट्वीट कर अमेरिका और दुनिया भर के हिंदुओं को नवरात्रि (Navratri) की बधाई दी है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कुछ वोट कर्म से मिलते हैं तो कुछ धर्म के नाम पर लिए जाते हैं. बीजेपी में मोदी का कर्म और संतों-साध्वियों का धर्म मिलकर वोटों का जुगाड़ करता है. अमेरिका के नेताओं को मालूम है कि वहां की आबादी के 1 प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी हैं.

ट्रम्प और बिडेन दोनों ही कोशिश कर रहे हैं कि कैलिफोर्निया, टेक्सास और न्यू जर्सी में रहने वाले भारतीय मतदाताओं के वोट हासिल किए जाएं. उन्होंने हिंदू त्यौहारों की लिस्ट मंगवा ली होगी और उसी आधार पर बधाई देकर वोटों की कमाई करना चाहते हैं. 3 नवंबर को होने वाले मतदान पर उनका ध्यान है. डेमोक्रेटिक पार्टी की वाइस प्रेसीडेंट पद की प्रत्याशी कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं. उनकी मां तमिलनाडु की थीं. अब वे अपनी इस तथाकथित भारतीय नातेदारी को भुनाएंगी ही!’’ हमने कहा, ‘‘इसमें गलत क्या है? आपने मंदिरों के सामने बैठे भिक्षुकों को पुकारते सुना होगा- धरम के नाम पे दे दे बाबा, भगवान तेरा भला करेगा. इसी तरह अमेरिकी चुनाव में भी वहां के नेता धर्म के नाम पर वोट मांगने लगे हैं. उन्हें उम्मीद है कि मतदाता उनकी झोली भर देंगे.’’