लोकप्रियता का फूटा ढोल बादशाह की आखिर खुल गई पोल

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, रैपर गायक बादशाह मुसीबत में फंस गए हैं. उनसे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कड़ी पूछताछ की. बादशाह ने 75 लाख रुपए में अपने 2 करोड़ 50 लाख फर्जी फालोअर बनाए हैं. उनका दावा है कि उनके गाने- ‘ये लड़की पागल है, पागल है’ पर 24 घंटे के भीतर 75 लाख लाइक्स आए. बादशाह के इस बोगस दावे को गूगल और यूट्यूब ने सरासर गलत व झूठा बताकर नकार दिया.’’ हमने कहा, ‘‘लोकतंत्र के इस युग में आप गए-गुजरे जमाने के बादशाह की बात क्यों कर रहे हैं? सारे बादशाह अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गए हैं. बादशाहों की बादशाहत दुनिया से मिट चुकी है. वैसे भी बादशाहों का काम ही क्या था! लड़ाइयां लड़ना, शिकार खेलना या अपने हरम में जाकर ऐश करना!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आपको बादशाहों की छवि बिगाड़ने का कोई हक नहीं है.

अकबर बादशाह खुद पढ़ा-लिखा नहीं था लेकिन उसने अपने दरबार में बीरबल, राजा टोडरमल, अबुल फजल, फैजी, राजा मान सिंह, मुल्ला दो प्याजा, फकीर अजुद्दीन, रहीम और तानसेन जैसे नवरत्न रखे थे. यदि शाहजहां जैसा बादशाह नहीं होता तो लाल किला और ताजमहल कौन बनाता? शकील बदायूंनी ने लिखा है- एक बादशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है! बादशाह जिसे चाहते थे, हीरे-मोती का हार या जागीर देकर निहाल कर देते थे और किसी पर नाराज हो जाते थे तो हाथी के पैर के नीचे कुचलवा देते थे. बादशाहों का मिजाज कुछ ऐसा ही होता था.’’ हमने कहा, ‘‘ईरान की जनता ने अपने बादशाह मोहम्मद रजा पहलवी को भागने पर मजबूर कर दिया था. इजिप्ट के शाह फारूक को भी गद्दी छोड़नी पड़ी थी. किसी बादशाह का तख्तो-ताज हमेशा कायम नहीं रहता.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम इतिहास के बादशाह की नहीं, उस गायक आदित्य सिंह की बात कह रहे हैं जो खुद को बादशाह कहता है. आपने  उसका गाना सुना होगा- डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दे…आजा बेबी आजा तेरा गाना बजा दूं.

उसके गाने के दौरान बहुत सी लड़कियां थिरकती दिखाई देती हैं. वह अपने करोड़ों फालोअर होने का दावा करता है.’’ हमने कहा, ‘‘ऐसे लोग कभी मोहम्मद रफी, मन्ना डे, किशोरकुमार, मुकेश, हेमंत कुमार, लता मंगेशकर, आशा भोसले की अपार लोकप्रियता की सपने में भी बराबरी नहीं कर सकते. रैपर का प्रभाव कभी स्थायी नहीं रहता. ये पानी के बुलबुले की तरह होते हैं और अपनी तथाकथित लोकप्रियता का ढोल पीटकर धंधा बढ़ाना चाहते हैं. बादशाह के मामले में पुलिस ने फर्जी फालोअर्स बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इन लोगों ने इंस्टाग्राम, टिक-टॉक व फेसबुक समेत सोशल मीडिया पर 5 लाख से ज्यादा फर्जी फालोअर्स बनाए लेकिन आखिर इनका भंडाफोड़ हो ही गया.’’