कांग्रेस अध्यक्ष की खोज  शुरू, गांधी परिवार से या अन्य कोई…

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अंतत: कांग्रेस अध्यक्ष की खोज शुरू हो गई है. नवंबर में संगठनात्मक चुनाव हो जाएंगे और जनवरी में सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी मिल जाएगा. इस संबंध में आपकी क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘खोजने से क्या नहीं मिलता. क्रिस्टोफर कोलम्बस ने अमेरिका खोज निकाला था. लोग सोने और हीरे की खान खोज निकालते हैं. कहावत है- जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ. गोताखोर समुद्र में डुबकी मारकर मोती निकाल लाते हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष खोजना कौन सी बड़ी बात है! इसकी चिंता कांग्रेस के नेताओं को करने दीजिए. आप क्यों फिक्र में डूबे हुए हैं?’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बीजेपी में किसी भी नेता को आसानी से पार्टी अध्यक्ष बना दिया जाता है परंतु कांग्रेस में यह इतना सरल नहीं है. कांग्रेस में संगठन के चुनाव और नए अध्यक्ष की मांग करना भी गुनाह या अनुशासनहीनता मानी जाती है. आपको याद होगा कि पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ऐसी मांग की थी तो बखेड़ा उत्पन्न हो गया था. उनके पत्र की टाइमिंग पर सवाल उठाए गए थे.’’

हमने कहा, ‘‘बीती बातों को याद करने से क्या फायदा! अभी पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है और सब कुछ केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलता रहा तो जनवरी 2021 में नया कांग्रेस अध्यक्ष मिल जाएगा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह गांधी-नेहरू की कांग्रेस है. इस पार्टी पर वंशवाद या घरानेशाही के आरोप लगते रहे हैं. सोनिया गांधी 20 वर्ष से ज्यादा समय से पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं. वे स्वास्थ्य के कारणों से यह पद छोड़ना चाहती हैं. राहुल इस पद को संभालने के लिए लगातार अनिच्छुक नजर आए. एक बार अध्यक्ष बनाए गए तो अपनी मर्जी नहीं चलने की वजह से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें अपने साथ सोनिया गांधी की टीम के बुजुर्ग नेता नहीं चाहिए. कांग्रेस गांधी के नाम से चलती है इसलिए कोई गैर-गांधी अध्यक्ष नहीं बन सकता.’’

हमने कहा, ‘‘पहले भी तो यूएन ढेबर, डी संजीवैया, एन संजीव रेड्डी, के कामराज, सीताराम केसरी जैसे पार्टी अध्यक्ष रहे. गैर-गांधी अध्यक्ष चुनने में कौन सी आपत्ति है? जरा सोच कर देखिए कि शरद पवार जैसे अनुभवी और चतुर राजनेता से उनकी पार्टी एनसीपी को कांग्रेस में विलीन कर कांग्रेस अध्यक्ष बनने को कहा जाए तो कांग्रेस कितनी मजबूत हो जाएगी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, व्यर्थ की कल्पना मत कीजिए. गांधी अपना कंट्रोल कभी नहीं छोड़ेंगे. आप को याद होगा कि सोनिया गांधी के खिलाफ अध्यक्ष पद के चुनाव में जीतेंद्र प्रसाद खड़े हुए थे तो बुरी तरह हारे थे. उन्हें कोई पूछनेवाला भी नहीं रह गया था. सोनिया या राहुल के खिलाफ खड़े होने की किसी में हिम्मत नहीं है. लगता है सर्वसम्मति से राहुल को ही कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया जाएगा. कांग्रेस गांधी के ब्रांड पर ही चलती है.’’