गरीबों के परिवार को TV, मोबाइल बांटने की योजना क्यों नहीं

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे-आपके जमाने में शायद ही कोई अपनी लाइन को लेकर सतर्क रहता था. कोई छात्र अपने पालक और शिक्षक के दबाव में सही लाइन पर चलता था तो किसी की लाइन बिगड़ जाती थी. जो अपनी पढ़ाई-लिखाई के मामले में लाइन से लग जाता था उसकी लोग तारीफ करते थे.’’ हमने कहा, ‘‘पुरानी बातें छोड़िए. अभी तो कोरोना संकट की वजह से हर तरफ ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है. घर बैठे टीवी, कंप्यूटर या मोबाइल पर टीचर ऑनलाइन क्लास लेते हैं. शिक्षा में यह प्रयोग अनूठा होने के साथ ही सुरक्षित भी है. कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ पढ़ाई भी हो जाती है. टीचर की निगाह में सारे बच्चे रहते हैं. वह उनका नाम लेकर प्रश्न भी पूछता या पूछती हैं और बच्चे जवाब भी देते हैं. यह आज के समय की इंटरएक्टिव पढ़ाई है. इसमें आपसी संपर्क बना रहता है.

आज के बच्चे भी कंप्यूटर और मोबाइल फ्रेंडली हो गए हैं. इसके अलावा टीवी चैनल पर भी क्लास होती है. इसलिए कहीं कोई समस्या नहीं है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, शहरों के साधनसंपन्न लोगों के लिए समस्या नहीं है लेकिन उन गरीबों की सोचिए जिनके यहां न मोबाइल है और न टीवी. उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो भी तो कैसे. सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू तो करवा दी लेकिन उन ग्रामीण या झोपड़ा बस्तियों के लोगों के बारे में नहीं सोचा जिनके यहां सुविधाओं का अभाव है या अत्यल्प सुविधाएं हैं. ये गरीब कम से कम अपने बच्चों से उम्मीद करते हैं कि पढ़-लिखकर आगे बढ़ जाएं.

सोच कर देखिए कि यदि किसी परिवार में पिता के पास सिर्फ एक मोबाइल है तो उसे बच्चों के लिए भी अतिरिक्त मोबाइल की व्यवस्था करनी होगी. मनोरंजन के लिए टीवी नहीं खरीदा तो चलेगा लेकिन पढ़ाई के लिए तो टीवी चाहिए ही! कर्नाटक के गडग गांव में एक मां ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपना मंगलसूत्र गिरवी रखकर टीवी खरीदा. 7वीं और 8वीं कक्षा के ये बच्चे डीडी चैनल पर देखकर अब पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे गरीब परिवारों के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक चुनौती बन गई है.’’ हमने कहा, ‘‘सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की, उसे इस बारे में तत्काल उचित निर्णय लेना होगा. आत्मनिर्भर भारत बनाना है तो शिक्षा अत्यंत जरूरी है. इसलिए गरीब बच्चों के परिवार को टीवी व मोबाइल मुफ्त बांटने की योजना तत्काल बननी चाहिए. ऐसा करने से इन साधनहीन बच्चों का भविष्य संवर जाएगा.’’