गहलोत के जादू का कमाल, पायलट की फेल हो रही चाल

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने यह कहकर कि जादू-वादू कुछ नहीं होता, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. गहलोत खानदानी जादूगर हैं. उनके पिता जादूगर थे. बचपन में अशोक गहलोत ने उनसे जादूगरी सीखी थी. पायलट ने साफ शब्दों में कहा कि पूरे ब्रह्मांड में एक ही जादूगर है वह है नीली छतरीवाला भगवान! बाकी तो सब हाथ की सफाई है. जादू तो बस ऊपर वाला करता है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘पायलट की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. यह ईश्वर या प्रकृति का ही जादू है कि एक छोटे से बीज से विशालकाय वटवृक्ष बन जाता है. खेतों में फसलें लहलहाती है. सबसे बड़ा जादू पंचतत्व हैं- क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर. यह पर्यावरण ही पृथ्वी की लाइफलाइन है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, लोग जादू का मतलब यह समझते हैं कि हैट से कबूतर निकालना, महिला को 3 टुकड़ों में काट देना (लेडी कटिंग) और फिर भी उसका सही-सलामत रहना. स्टेज पर कपड़ा हिलते ही जादूगर का गायब होना और फिर तुरंत दर्शकों के बीच से प्रकट हो जाना. आंखो पर पट्टी बांधकर मोटर साइकिल चलाना. जादूगर का हाथ पैर में हथकड़ी बेड़ी डालकर बक्से में तालाबंद हो जाना और कुछ ही क्षणों में मुक्त होकर बाहर निकल आना. यह सब देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. ताश का जादू भी आपने देखा होगा.’’ 

    हमने कहा, ‘‘यह सब हाथ की सफाई या सम्मोहन विद्या का कमाल है. जिसका कारण समझ में न आए उसे लोग जादू मान लेते हैं. फिल्मों में जादू को लेकर कितने ही गीत हैं. के.एल. सहगल ने गाया था- मैं क्या जानूं क्या जादू है तेरे दो मतवाले नैनों में! वैजयंती माला की पुरानी फिल्म ‘नागिन’ का गीत था- जादूगर सैंया छोड़ो मेरी बहियां. शाहरूख खान को गाते दिखाया गया- जादू तेरी नजर, खुशबू तेरा बदन, तू हां कर या ना कर, तू है मेरी किरण! एक अन्य गीत था- तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया, पिया-पिया बोले मतवाला जिया!’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जादू एक अनोखी कला है. हूडिनी और पीसी सरकार जैसे जादूगरों के नाम मशहूर रहे हैं. आप के सबसे बड़े जादूगर यदि कोई हैं तो नेता जो कई तरह के वेश बदलकर जनता को सम्मोहित कर सत्ता पा लेते हैं.’’