आशा को दादा ने दुलारा, देर से दुरूस्त सायोनारा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, देर से ही सही पुरानी हीरोइन आशा पारेख को फिल्मों में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा सूचक दादासाहेब फालके पुरस्कार घोषित किया गया है. वह एक चुलबुली अभिनेत्री और नृत्यांगना रही हैं. शास्त्रीय संगीत से लेकर भड़कीले गीत-संगीत पर भी वह बखूबी डांस कर लेती थी. 

    बालकलाकार रहने के बाद उनकी हीरोइन के रूप में पहली फिल्म 1960 में प्रदर्शित ‘दिल दे के देखो’ थी जिसके हीरो शम्मी कपूर थे. आशा ने देव आनंद के साथ ‘जब प्यार किसी से होता है’ में जाय मुखर्जी के साथ ‘जिद्दी’ और लव इन टोक्यो में अभिनय किया था. शम्मी कपूर के साथ उनकी फिल्म तीसरी मंजिल सुपरहिट हुई थी. राजेश खन्ना के साथ ‘बहारों के सपने’ और कटी पतंग में आशा नजर आईं. 

    जितेंद्र के साथ कारवां और धर्मेंद्र के साथ उन्होंने ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘आए दिन बहार के’, ‘आया सावन झूम के’ में अभिनय किया था. मनोज कुमार के साथ ‘साजन’ और ‘दो बदन’ में काम किया था. फिल्म ‘कालिया’ में वह अमिताभ बच्चन की भाभी बनी थी. आशा पारेख ज्यादातर डायरेक्टर नासिर हुसैन की फिल्मों की हीरोइन रहा करती थी.’’ 

    हमने कहा, ‘‘आपकी जानकारी की हम कद्र करते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि कटी पतंग में गंभीर रोल निभानेवाली आशा पारेख आशा भोसले के गाए कैवरे गीत पर मस्त होकर नाचती थी. आपको तीसरी मंजिल के गीत आजा-आजा तू है प्यार मेरा की याद होगी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जैसे राजनीति में नेताओं का ग्रुप रहता है वैसे ही सहेलियों का ग्रुप भी होता है. आशा पारेख की पक्की सहेलियां वहीदा रहमान, हेलन व नंदा रही हैं. इनमें से नंदा का निधन हो चुका है और वहीदा रहमान 86 वर्ष की हो गई है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘राजनीति में किसी के वादे पर भरोसा नहीं किया जा सकता लेकिन आशा पारेख फिल्म ‘लव इन टोक्या’ में गाती नजर आई थी- सायोनारा- सायोनारा वादा निभाऊंगी सायोनारा. इस जापानी शब्द का अर्थ है बाय-बाय लेकिन आशा ने विदाई लेते हुए फिर आने का वादा अपने हीरो से किया था. दादासाहेब फाल्के अवार्ड से वह फिर चर्चा में आ गई हैं.