कोरा कागज भी करता बहुत असर, जिनपिंग को लगा प्रदर्शन से डर

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कोरे कागज से बुरी तरह डर गए. चीन के कई शहरों में कोरा कागज लंबे लाकडाउन से त्रस्त गुस्सैल जनता के प्रदर्शन का मुख्य प्रतीक बन चुका है. हजारों लोग हाथ में कोरा कागज लहराते हुए सड़कों पर उतरे हैं. इस ब्लैंक पेपर डिमांस्ट्रेशन के बारे में आपकी क्या राय है?’’ 

    हमने कहा, ‘‘आपने गीत सुना होगा- ‘कोरा कागज था ये मन मेरा, लिख दिया नाम उसपे तेरा.’ ये लोग कोरा कागज दिखाकर जिनपिंग से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. चीनी राष्ट्रपति यह बहाना नहीं कर सकते कि मेरे पास त्यागपत्र लिखने के लिए कागज नहीं है. जनता उन्हें ढेर सारे ब्लैंक पेपर प्रोवाइड करने को तैयार है. वे लिख दें- आई हीयरबाय रिजाइन और नीचे दस्तखत कर दे.‘‘ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, चीन में कागज की कोई कमी नहीं है. कागज का आविष्कार इसी देश में हुआ था. कागज आने से पहले लोग पेड़ की छाल या भोजपत्रों पर लिखा करते थे अथवा ज्ञान को सुनकर कंठस्थ कर लेते थे. अब आप यह मत पूछिएगा कि चीन के प्रदर्शनकारी कौन सा कागज इस्तेमाल कर रहे हैं. वह बांड पेपर है या बटर पेपर, न्यूजप्रिंट है या ज्यामेट्री या ड्राइंग की कॉपी का सफेद कागज. यह कागज मोटा है या अनियन पेपर जैसा पतला. कहीं यह टॉयलट पेपर तो नहीं है? यह ब्लाटिंग पेपर या टिशू पेपर भी तो हो सकता है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘अपने देश में कागजी कार्रवाई बहुत होती है. पेपरलेस होने की बात की जाती है लेकिन आज भी बच्चों के स्कूल बैग में कॉपी बोझ 4 किलो से कम नहीं होता. दफ्तरों और अदालतों में कागजों से भरी फाइलें नजर आएंगी. कागज पर प्रेमपत्र लिखकर गुलाबी लिफाफे में भेजने के बाद घबराया हुआ हीरो गाने लगता है- ये मेरा प्रेमपत्र पढ़कर तुम नाराज ना होना कि तुम मेरी जिंदगी हो कि तुम मेरी बंदगी हो.’’ 

    हमने कहा, ‘‘अपने देश में विपक्ष किसी घोटाले के मामले में सरकार को आड़े हाथ लेते हुए श्वेतपत्र या व्हाइट पेपर जारी करने की मांग करता है. देहातों में अनपढ़ लोगों से कोरे कागज पर अंगूठा लगवाकर साहूकार लूटते रहे हैं. कोई कागज दस्तावेज की शक्ल में किसी को फंसा सकता है तो बचा भी सकता है.’’