अवार्ड सिस्टम को अच्छे से जांचो नाटू-नाटू माने नाचो-नाचो

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, भारत की गौरवशाली नृत्यकला को नाटू-नाटू के रूप में विश्वस्तरीय मान्यता मिली है. जूनियर एनटीआर और रामचरण के द्रुतगति से इस फड़कदार गीत पर किए गए धमाकेदार नृत्य को गोल्डन ग्लोब, क्रीटिक्स चॉइस और ऑस्कर अवार्ड मिले हैं.’’

हमने कहा, ‘‘नाटू-नाटू की अवार्ड हैट्रिक से दुनियाभर के नाटे लोग खुश हो जाएंगे. बेहतर होगा कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की 6 फुट 2 इंच की हाइट ध्यान में रखते हुए अब नाटू-नाटू गाने से ऐसे लोग भी फुले नहीं समाएंगे जिनका नाम नटवरलाल या नत्थूलाल है. लंबे और नाटे का कांट्रास्ट देखते हुए अमिताभ और ऋषिकपूर पर गाना फिल्माया गया था जिसके बोल थे- लंबूजी-लंबूजी, टिंगू जी टिंगू जी, मेरे रस्ते में टांग न अड़ाना, इस कन्या को हाथ ना लगाना!’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह तेलुगू भाषा का गीत है जिसका हिंदी में अर्थ है- नाचो-नाचो. हमारी फिल्मों में वैजयंतीमाला, पद्मिनी, रागिनी, आशा पारेख, वहीदा रहमान, मुमताज, माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी जैसी कितनी ही अभिनेत्रियों ने नृत्य पेश किया है. पुराने जमाने में कुक्कू ने एक-दो तीन, आजा मौसम है रंगीन गाने पर डांस किया था. बगैर नाच-गाने के हिंदी फिल्म बनती ही नहीं. शम्मीकपूर, जीतेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती, रितिक रोशन की डांसिंग  स्टाइल के दर्शक दीवाने रहे हैं. इनमें से किसी के भी डांस को ऑस्कर नहीं मिला.’’

हमने कहा, ‘‘जमाना बदल गया है. भारतीय फिल्में विश्व के विभिन्न देशों में दिखाई जानेवाली हैं. ओटीटी प्लेटफार्म से करोड़ों दर्शकों तक यहां का गीत-संगीत और नृत्य पहुंचा है. भारत की पूछ-परख पहले से बहुत ज्यादा बढ़ी है. इसके अलावा फिल्म ‘आर आर आर’ को अमेरिका में इसलिए भी पसंद किया गया क्योंकि उसमें ब्रिटिश अत्याचार और उपविदेशवाद का विरोध दर्शाया गया है. अमेरिका भी 1776 में ब्रिटेन से आजाद हुआ था. बॉस्टन में ब्रिटेन से आई चाय की पेटियां समुद्र में फेंककर अमेरिकनों ने विद्रोह की शुरुआत की थी. आरआरआर के अभिनेता भी अंग्रेजों को ईंट का जवाब पत्थर से देते हैं. इसीलिए वह फिल्म अमेरिका को पसंद आई.’’