सदन में जीन्स पहनने की जिद चूड़ास्मा चूड़ीदार क्यों नहीं पहनते

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz) ड्रेस कोड कोई चीज होती है या नहीं! यह क्या तमाशा है कि गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायक विमल चूड़ास्मा (Vimal Chudasama) जीन्स (Jeans) और टीशर्ट (T-shirt) जैसी कैजुअल ड्रेस पहनकर आ गए. स्पीकर ने इसे सदन की मर्यादा का हनन बताते हुए उन्हें सदन से बाहर जाने को निर्देश दिया. नहीं मानने पर सार्जेट से बाहर करवा दिया गया. विधायक को भी समझना चाहिए था कि वो किसी कल्ब या पार्क में नहीं बल्कि विधानसभा में दाखिल हुए थे जिसकी अपनी गरिमा होती है.’’

    हमने कहा, ‘‘विधायक कांग्रेस के थे तो या तो महात्मा गांधी जैसी वेश भूषा पहनकर आते या नेहरू जैसी शेरवानी और चूड़ीदार पहनकर आ सकते थे. कुर्ता-धोती या पायजामा भी चल सकता था. ऊपर से एक जैकेट भी पहन लेते. मोदी जैसा आधी बांह का कुर्ता पहनने में भी हर्ज नहीं था. कायदे से कांग्रेस के विधायकों को खादी पहननी चाहिए क्योंकि कहा जाता है- खादी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि विचार भी है. खादी पहनने से मन में विचार भी अच्छे आते.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, विधायक चूड़ास्मा ने किसी वकील के समान दलील दी कि उनकी पार्टी ने उन्हें इसी ड्रेस में देखकर टिकट दिया था. जनता ने भी उनकी जीन्स-टीशर्ट वाली वेशभूषा पसंद कर उन्हें जीत दिलाई. वह 3 वर्षों स यही ड्रेस पहनकर सदन में आते रहे हैं लेकिन किसी ने नहीं टोका. यदि सदन में इसे पहन कर आने में कोई रोक हो तो ऐसा कानून बताएं.

    विधायक ने यह भी तर्क किया कि कई मंत्री इंटरनेट पर जीन्स-टीशर्ट व गॉगल्स पहनी फोटो अपलोड करते हैं, क्या तब सदन की गरिमा को ठेस नहीं लगती. हमने कहा, ‘‘कुछ भी हो, कम से कम सदन में शालीन  वेश भूषा पहनकर आना चाहिए. दरअसल जीन्स अमेरिकी घुड़सवार का ऊब्वाय या चरवाहों की पोशाक है जो आजकल नौजवानों का फैशन स्टेटमेंट बन गई है. विधायक चूड़ास्मा कोई कालेज स्टुडेंट नहीं हैं फिर जीन्स से इतना प्रेम क्यों होना चाहिए? वे छुट्टी के दिन या प्रवास में जीन्स पहनें. उनका नाम चूड़ास्मा है तो चूड़ीदार पायजामा पहनना ठीक रहेगा.’’