सिर्फ काशी ही नहीं संसार भर में डमरू वाले की सरकार

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी में सिर्फ डमरूवाले की सरकार है. वैसे हिंदुओं की मान्यता है कि समूचे संसार में डमरूवाले की ही सरकार है. काशी शिव को अत्यंत प्रिय है लेकिन कैलाश पर्वत पर भी उनका निवास है. 12 ज्योतिर्लिंग- सोमनाथ, श्री शैलम, महाकाल, ओंकारेश्वर, बैद्यनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वरम, नागेश (द्वारिका), विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, घुष्मेश्वर, केदारेश्वर में हैं. 

    मोदी स्वयं भी केदारनाथ की शरण में जाते रहे हैं. सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा, पालक विष्णु और संहारक शिव हैं. शिव अनादि हैं. वे जन्म-मृत्यु से परे, महाकाल हैं. उनके भाल पर चंद्रमा सुशोभित है. शेषनाग उनके गले का हार हैं. विष्णु भगवान के चरणों से निकलकर गंगा शिव की जटाओं में समाईं. इसके बाद उन्हें भगीरथ पृथ्वी पर लेकर आए.’’ 

    हमने कहा, ‘‘शिव ने विश्व का कल्याण किया. जब समुद्र मंथन से निकले हलाहल नामक भयानक विष से समस्त सृष्टि आतंकित हो उठी थी तो उस जहर को पीकर शिव ने अपने कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कहलाए. शिव भोले आशुतोष कहलाते हैं जो थोड़ी सी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं. वे निष्पक्ष हैं, इसलिए देवता और दानव दोनों को वर देते हैं. वे साकार हैं और निराकार भी! उन्होंने रावण और बाणासुर की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया तो रामेश्वर-शिवलिंग स्थापना व पूजन के बाद भगवान राम को भी लंका विजय का वर दिया था.

    शिवरात्रि करोड़ों हिंदुओं का महान पर्व है. विद्या-बुद्धि के देवता गणेश और देवताओं के सेनापति कार्तिकेय शिवपुत्र हैं. शिव को तीनों लोकों का स्वामी कहा जाता है. उन्होंने त्रिपुरासुर और जालंधर जैसे दैत्यों का वध किया था. वे परशुराम के गुरु हैं. शिव को योगीश्वर या योगियों का ईश्वर कहा जाता है. वे देवों के देव महादेव हैं. भिक्षु चमनलाल ने 1930 में मेक्सिको की यात्रा की थी. उन्होंने वहां भी शिवलिंग पाए थे. शिव-शम्भू की महिमा का वर्णन नहीं किया जा सकता.’’