राजनीति के बीच साधना केजरीवाल कर रहे विपश्यना

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से देश के अन्य मुख्यमंत्रियों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि सिर्फ राजनीति ही सब कुछ नहीं है. उन्हें समय निकालकर साधना करनी चाहिए क्योंकि बगैर साधना के जीवन निष्फल है.’’ हमने कहा, ‘‘चिंता मत कीजिए, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की धर्मपत्नी का नाम साधना सिंह है, इसलिए उन्हें अलग से कोई ध्यान-साधना करना आवश्यक नहीं है. यूपी के सीएम स्वयं योगी हैं. गोरक्षपीठ के महंत रहते हुए उनकी योग साधना उच्च शिखर पर जा पहुंची, तभी तो वे ऐसे राज्य के मुख्यमंत्री बने जहां की आबादी सर्वाधिक है और जहां से सबसे अधिक प्रधानमंत्री चुने जाते रहे हैं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, केजरीवाल की साधना काफी कठोर है. वे राजस्थान के विपश्यना साधना केंद्र में 10 दिन रहेंगे. इस दौरान वे पूरी तरह आत्मकेंद्रित रहकर अपनी अंतरात्मा को टटोलेंगे. विपश्यना की अवधि में केजरीवाल 10 दिनों तक मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और समाचार पत्र-पत्रिकाओं से दूर रहेंगे. ऐसा व्यक्ति एकांतवास कर स्वयं को बाहरी दुनिया से काट लेता है. वे अपनी तन्मयता में तालिबान को नहीं आने देंगे. दिल में उस दिल्ली का भी चिंतन नहीं करेंगे जहां के वे मुख्यमंत्री हैं. केजरीवाल की विपश्यना साधना के दौरान किसी राजनीतिक कार्यक्रम या मीटिंग का सवाल ही नहीं उठता.

    इसी बीच किसी भी राजनीतिक सवाल या बवाल से केजरीवाल दूर रहेंगे. विपश्यना म्यांमार के बौद्ध भिक्षुओं की साधना पद्धति है जिसे सत्यनारायण गोयनका सीखकर आए थे और उन्होंने ही भारत में इसका प्रचार किया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी समय-समय पर विपश्यना करने अज्ञात स्थान पर जाया करते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘यह व्यस्त लौकिक जीवन के बीच आत्मशांति पाने का प्रयास है. इसके लिए कोई रविशंकर का आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स करता है तो कोई सदगुरु जग्गी वासुदेव की शरण में जाता है. किसी को बाबा रामदेव का योग भाता है. जिसकी जैसी श्रद्धा-भक्ति हो, वह उसी में युक्ति, शक्ति या मुक्ति खोजता है.’’