हनुमान की शरण में बंदा मंदिर का बचाओ चंदा ट्रस्ट का गोरखधंधा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, मध्यप्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री व जबलपुर पश्चिम के विधायक तरुण भनोट ने संकटमोचक हनुमान से गुहार की है कि वे अयोध्या में बननेवाले भगवान राम के मंदिर के लिए चंदे से जुटाई गई धनराशि की रक्षा करें. इसके लिए विधायक ने जबलपुर के ग्वारीघाट हनुमान मंदिर पहुंच कर ज्ञापन सौंपा. वे मानते हैं कि अपने पराक्रम का लंका में डंका बजाने वाले अंजनीकुमार बजरंगबली भगवान राम के मंदिर की रकम में धांधली या गोलमाल नहीं होने देंगे.’’ हमने कहा, ‘‘आम तौर पर जहां चंदा जमा होता है, वहां लोग बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूकते. एक कहावत भी है- रामजी की चिड़िया, रामजी का खेत, खाओ चिड़िया भर-भर पेट! चंदन लगाकर चंदा वसूल करनेवालों की महिमा न्यारी है.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि आस्था में अवसर तलाशने का कोई भी प्रयास करोड़ों भारतीयों की श्रद्धा पर चोट और महापाप है. आरोप है कि 2 करोड़ रुपए की जमीन सिर्फ 5 मिनट बाद प्रधानमंत्री द्वारा बनाए गए ट्रस्ट की ओर से 18.5 करोड़ रुपए में खरीद ली गई. इस तरह जमीन की कीमत 5.5 लाख रुपए प्रति सेकंड की दर से बढ़ी. इस जमीन खरीद के मामले को लेकर सपा, आप तथा पूरा विपक्ष विहिप, राम मंदिर ट्रस्ट और संघ परिवार पर आरोप लगा रहा है.

    शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गैरजिम्मेदार बताते हुए उन्हें हटाने की मांग प्रधानमंत्री मोदी से की है.’’ हमने कहा, ‘‘लोग व्यर्थ ही बाल की खाल निकालते हैं. इतना भव्य मंदिर बनने जा रहा है, उसके बारे में सोचें. छोटे-मोटे घपले-घोटाले तो निर्माण और विकास कार्य में होते ही रहते हैं. कुएं के पास जाकर कोई प्यासा तो रह नहीं सकता! चंपत राय कहीं चंपत होनेवाले नहीं हैं. विधायक ने हनुमान से गुहार कर दी. इसके आगे पवनपुत्र खुद ही देखेंगे कि क्या करना है. उन्होंने कहा ही है- राम काज कीन्हें बिना, मोहि कहां विश्राम!’’