बस, ट्रेन के बाद हवाई किराया वृद्धि, क्या देश में सिर्फ अमीर यात्रा कर पाएंगे

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, एक जगह रहते-रहते जब इंसान ऊब जाता है तो दिल कहता है- घटा के साथ-साथ, हवा के संग-संग, ओ साथी चल. मन में वह पुराना गीत भी गूंजता है- उड़न खटोले पे उड़ जाऊं, तेरे हाथ ना आऊं.’’ हमने कहा, ‘‘अब घूमना-फिरना भूल जाइए. बस और ट्रेन के बाद हवाई किराया बढ़ाने की भी छूट दे दी गई है. अब ऑफ सीजन में भी सस्ते एयर टिकट की बात भूल जाइए. यह भी मत सोचिएगा कि पहले से प्रवास की प्लानिंग कर कई महीने पहले टिकट खरीदेंगे तो सस्ते में मिलेगा.

    यूरोप-अमेरिका जाने के शौकीन ऐसा ही करते थे किंतु अब नागरी उड्डयन मंत्रालय ने न्यूनतम और अधिकतम किराए की सीमा बढ़ा दी है, इस वजह से एयरलाइंस कंपनियां यात्री किराया कम से कम 10 प्रतिशत और ज्यादा से ज्यादा 13 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, लॉकडाउन में ढील के बाद कहीं घूमने की सोच रहे थे तो सरकार ने हवाई किराया बढ़ा दिया. इससे लिमिटेड बजट में यात्रा का विचार करने वालों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगेंगी.’’ हमने कहा, ‘‘सरकार घाटे में चल रही एयरलाइंस की मदद करना चाहती है, इसलिए किराया बढ़ाने की खुली छूट दी गई है.

    अब एक से डेढ़ घंटे की फ्लाइट का कम से कम किराया 4,500 रुपए तथा ज्यादा से ज्यादा किराया 13,200 रुपए रहेगा. इसी तरह 90 से 120 मिनट की फ्लाइट का न्यूनतम किराया 5,300 और 120 से 150 मिनट वाली उड़ान का न्यूनतम किराया 6,700 रुपए होगा. सिर्फ 40 मिनट की उड़ान का भी 2,900 रुपए टिकट होगा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसी हालत में तो सिर्फ अमीर ही यात्रा कर पाएंगे. एग्जीक्यूटिव क्लास और बिजनेस क्लास तो महंगी थी ही, अब इकोनॉमी क्लास का सफर भी जेब खाली कर देगा.’’