यह केरल है या टिम्बकटू! पुलिस को बना दिया भाड़े का टट्टू

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कुछ लोग भाड़े के टट्टू कहलाते हैं उनकी अपनी कोई हैसियत नहीं होती. जो भी चाहे किराया देकर उनकी सेवाएं ले सकता है. कुछ देश ऐसे भी हैं जो रेगुलर अर्जी की बजाय मर्सीनरी या बेरोजगार युवाओं को पैसे और ट्रेनिंग देकर अनधिकृत रूप से इस्तेमाल करते हैं. पाकिस्तान की फौज और खुफिया एजेंसी इसी तरह लश्कर-ए-तैयबा या हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी तैयार कर लांचिंग पैड से भारत में भेज देती है जो हमारी आर्मी के हाथों मारे जाते हैं. रुस में प्रिगोझिन ने यूक्रेन से लड़ने के लिए ऐसी ही प्राइवेट सेना ‘वैगनर’ बनाई थी. हमारा मतलब है कि दुनिया में भाड़े के टट्टुओं की कमी नहीं है.’’

हमने कहा, ‘‘सेना और युद्ध की बात छोड़िए. किराए पर क्या नहीं मिलता. लोग किराए के मकान में जिंदगी गुजार देते हैं. शादी-ब्याह या किसी भी उत्सव के लिए किराए से बर्तन और बिछायत का सामान लाते हैं. कुछ फिल्मी चेहरे भी शादी या रिसेप्शन में किराए पर मिल जाते हैं. जिस तरह मालदार, कर्जदार, दूकानदार, खरीददार, दिलदार, पहरेदार, आमदार, खासदार, नामदार, सूबेदार, फौजदार, थानेदार, हवलदार हुआ करते हैं वैसे ही किराएदार भी होता है. मकान और दूकान किराए पर मिलते हैं. होटल, लॉज या सराय में ठहरो तो किराया देना पड़ता है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ताज्जुब की बात है कि केरल में 34,000 रुपए रोज के किराए पर इंस्पेक्टर, ट्रेंड पुलिस डॉग, पुलिस के आधुनिक उपकरण और समूचा पुलिस थाना किराए पर मिल सकता है. शादी या किसी समारोह में अपना दबदबा दिखाने के लिए लोग इस सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं. फिल्म बनानेवाली कंपनियां और प्राइवेट पार्टियां आयोजित करनेवाले लोगों के बीच भी इसकी मांग है. किराए वाली पुलिस के रेट भी नए सिरे से तय किए गए है. केरल में 30 40 रुपए रोज देकर सर्कल इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को अपनी सिक्योरिटी में लगाया जा सकता है. वायरलेस उपकरण के लिए 12,130 रुपए रोज देने होंगे. प्रशिक्षित पुलिस डॉग के लिए 7,280 प्रतिदिन किराया तय किया गया है.’’

हमने कहा, ‘‘केरल सरकार ऐसे भाड़े के टट्टू बनाकर पुलिस की गरिमा के साथ खिलवाड़ कर रही है. यदि कोई अपराधी पैसा देकर पुलिस वाले को अपना सिक्योरिटी गार्ड बना ले तो कितना विचित्र लगेगा. पुलिस को इतना सस्ता नहीं बनाना चाहिए. जिस अधिकारी की कैप पर सिंहवाली राजमुद्रा अंकित हो, उसकी गरिमा बनी रहना जरूरी है.’’